MLA इरफान सोलंकी से लड़ने में फातिमा ने खो दिया पति और दो बेटा; पान मसाला बेचकर दिलवाई सज़ा
SP Leader Irfan Solanki Case: समाजवादी पार्टी लीडर इरफान सोलंकी को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में पीड़ित महिला ने अपनी आपबीती बताई है और बताया कि कैसे नेता उसे परेशान कर रहा था.
SP Leader Irfan Solanki Case: कानपुर के चर्चित समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को जेल भिजवाने वाली महिला नजीर फातिमा ने अब राहत की सास ली है. 533 गज के प्लॉट की लड़ाई में इरफान की सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सीज कर दी गई है. इरफान करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं, उनके खिलाफ एक के बाद एक गैंगस्टर समेत 9 मुकदमें दर्ज हुए हैं. अब उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द हो जाएगी.
इरफान की पत्नी का भी आया था नाम
इरफ़ान की पत्नी का भी कई मुकदमे में नाम आया था फिलहाल अभी तक इरफ़ान की पत्नी के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई हैं. ऐसे में अगर इरफ़ान सोलंकी की पत्नी इरफ़ान की सीट के लिए दावेदारी ठोकती है तो प्रशासन उन पर भी कार्रवाई कर सकता है.
क्या है मामला?
जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा ने बताया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी के पैतृक आवास (कोठी) से ठीक सटा हुआ उनका 533 गज का एक प्लॉट है. इसमें वह अपने परिवार के साथ रहती हैं. फातिमा का कहना है कि मेरा इरफान से कोई विवाद नहीं था, लेकिन वो लोग मेरे प्लॉट पर कब्जा करना चाहते थे. कोर्ट से स्टे होने के बाद भी सपा सरकार में मेरे प्लॉट पर दो-दो बार बुलडोजर चलवा दिया. लाइट कटवा दी, कई बार परिवार से मारपीट करके भगाने की कोशिश की गई. हालात ये हो गए कि हम लोग एक कमरे का अस्थाई घर बनाकर रहने को मजबूर हो गए. लेकिन सपा की सरकार होने की वजह से कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.
फातिमा कहती हैं कि वह हमारा प्लॉट है, और हम लोग 1986 से रह रहे हैं. कोर्ट से स्टे चल रहा था, 7 नवंबर 2022 को हम परिवार के साथ शादी में चले गए. इस दौरान इरफान उनके भाई रिजवान ने अपने गुंडों के साथ प्लॉट पर बने अस्थाई घर को फूंक दिया. लेकिन समय बदला और सरकार बदलने के चलते मेरी सुनवाई हुई और योगी सरकार में न्याय मिल सका.
कमिश्नर का किया शुक्रिया
इस केस में इंसाफ दिलाने में सबसे अहम भूमिका यहां पर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर रहे आनंद प्रकाश तिवारी की रही है. उन्हीं ने हमें इंसाफ दिलाया है. नजीर फातिमा ने कहा कि हम इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे थे, सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे थे. अल्लाह ने और सारे लोगों ने मेरा साथ दिया, और योगी जी ने मेरा बहुत साथ दिया, उनकी सरकार में हमको न्याय मिल सका.
हमारी सच्चाई की लड़ाई थी, न्याय की लड़ाई थी सारे लोग यह बात जानते हैं. सन 1986 से हम लोग यहां रह रहे हैं. इन लोगों ने कई बार हमारे साथ कांड किया तो सारे लोग जान गए और यह मामला फेमस हो गया था. सब लोग देख रहे थे कि इनके साथ अन्याय हो रहा है. बहुत बार हमारे बच्चों को मारा धमकाया, रात-रात भर खुले आसमान के नीचे मेरी बेटियों ने काटा.
मेरे बेटे को दिया जहर
हम 1997 से कोर्ट कचहरी कर रहे हैं. हमें बीपी, हार्ट और शुगर की बीमारी हो गई है. इस प्लाट पर कब्जा करने के लिए इरफान और उसके परिवार ने मेरे एक 18 साल के बच्चे को जहर देकर मार डाला. दूसरे 14 साल के बच्चे को इतने झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया कि उसकी भी मौत हो गई.
प्लॉट पर कब्जा करने के दौरान हमारे आदमी को भी धक्का दे दिया और उनकी ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई. हम भी बुरी तरह से टूट गए हैं, अपने बेटी दामाद को साथ में रखा है कि मेरी मदद कर सकें. आज फैसला आने के बाद हम खुश हैं. 1997 से विधायक से लड़ रहे हैं. अब इंसाफ मिला है.
इरफान सोलंकी ने क्या कहा?
इस मसले को लेकर इरफान सोलंकी का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है. इरफान ने अपने बयान में कहा,"मुझे प्लानिंग के ज़बरदस्ती फंसाया जा रहा है मैंने हमेशा ग़रीबों की मदद की है मेरे ख़िलाफ़ कोई सबूत भी नही है कि मैंने घर चलाया, ये सब मेरी विधायकी छीनने के लिए किया जा रहा है अगर सरकार मेरी विधायकी छीनने के लिए मेरे साथ ये सब कर रही है तो मैं यूंही अपनी विधायकी छोड़ने के लिए तैयार हूँ"