हैदराबादः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तेलंगाना के एक सरकारी राशन की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं होने पर नाराज हो गईं और उन्होंने इसपर सवाल उठा दिए हैं. शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में एक पीडीएस आउटलेट्स के दौरे पर पहुंची केंद्रीय वित्त मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पीडीएस के जरिए बांटी जाने वाले प्रति किलोग्राम चावल की लागत का ब्यौरा मांगा था. जिला प्रशासन के अफसरों की अस्पष्ट जवाब से नाराज मंत्री ने जिला कलेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर विवरण पेश करने पर जोर दिया है. केंद्रीय मंत्री सत्तारूढ़ भाजपा की संसद प्रवास योजना के तहत जहीराबाद लोकसभा क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को वहां पहुंची हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

35 रुपये में से 29 रुपये केंद्र का योगदान 
केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए बांटे गए प्रत्येक किलोग्राम चावल के लिए 35 रुपये में से 29 रुपये का योगदान देती है, लेकिन यहां मोदी की तस्वीर नहीं थी. सीतारमण ने आश्चर्य जताया कि इन आउटलेट्स में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर क्यों नहीं है? इससे पहले, सीतारमण के तीन दिवसीय तेलंगाना दौरे के दूसरे दिन उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बांसवाड़ा के पास उनके काफिले को रोकने की कोशिश की थी. कार्यकर्ता ईंधन की ऊंची कीमतों का विरोध कर रहे थे और वित्त मंत्री से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की मांग कर रहे थे.


केंद्र ने आठ साल में मनरेगा पर पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीते आठ सालों में केंद्र ने मनरेगा योजना पर पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जिनमें से 20 फीसदी कोविड-19 महामारी के दौरान खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें अहम मुद्दा यह है कि अगर पैसा ठीक से खर्च नहीं होने की शिकायतें आती हैं या ऑडिट रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी होती है, तो तो सर्वे दल (किसी भी राज्य में) आकर उसे चेक कर सकते हैं.  

ऋण को लेकर टीआरएस सरकार पर साधा निशाना
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इससे पहले गुरुवार को तेलंगाना की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार पर बढ़ते कथित कर्ज, कृषि संकट औ अन्य मुद्दों को लेकर निशाना साधा. भाजपा की ‘लोकसभा प्रवास योजना’ के तहत जहीराबाद संसदीय क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान सीतारमण ने कामारेड्डी में दावा किया कि तेलंगाना में राजस्व अधिशेष था, लेकिन वह अब राजस्व घाटे की स्थिति में चला गया है. उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या के मामले में तेलंगाना देश में चौथे नंबर पर पहुंच गया है. 



ऐसी ही  खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in