Morbi Bridge Collaps: गुजरात में मोरबी पुल हादसे को लेकर सियासत तेज़ हो गई है. हादसे के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच ज़बानी जंग तेज़ हो गई है. पुल गिरने के हादसे में कम से कम 143 लोगों की मौत हो गई है. 


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पश्चिम बंगाल के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर स्नेहासिस चक्रवर्ती के मुताबिक़, यह हादसा गुजरात में करप्शन का एक नमूना है. उन्होंने कहा, "जब भी पश्चिम बंगाल में कुछ भी होता है, बीजेपी की केंद्रीय तथ्य खोजने वाली टीम रियासत का दौरा करती है. अब मैं यहां राज्य के बीजेपी नेताओं से सवाल करना चाहूंगा कि क्या वे अब इसी तरह की टीम गुजरात भेजेंगे. वे हमेशा पश्चिम बंगाल में ग़लती तलाश करने वाले मिशन में रहते हैं. उनका मक़सद पश्चिम बंगाल में रियासती इंतेज़ामिया को परेशान करना है. मेरी उन्हें सलाह है कि पहले गुजरात में चीज़ों पर क़ाबू करें और फिर पश्चिम बंगाल के बारे में सोचें."


तृणमूल कांग्रेस के सीनियर एमएलए तापस रॉय ने कहा कि यह हादसा इस बात का नमूना है कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुलों की क्वालिटी और शानदार ढांचागत विकास के बारे में भाजपा और गुजरात सरकार के दावे कितने खोखले थे. उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि उन्हें अभी क्या दावा करना है. इस पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुल की जांच से पहले अवाम के लिए इसे खोलना जायज़ था?"


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उधर पश्चिम बंगाल में स्टेट बीजेपी के स्पोक्सपर्सन समिक भट्टाचार्य ने तृणमूल कांग्रेस नेता की बातों को ख़ारिज करते हुए कहा, "अगर तृणमूल कांग्रेस के लीडर और मिनिस्टर सिविल इंजीनियरिंग की पूर्णता के बारे में इतने अलर्ट होते, तो उनके लीडर और रियासत की सीएम ममता बनर्जी कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का रूट बदलने के लिए मजबूर नहीं करतीं."


भट्टाचार्य ने कहा, "मार्ग परिवर्तन के कारण भीड़भाड़ वाले बाउबाजार इलाके के घरों में अक्सर दरारें आ जाती थीं, जिससे वहां के लोग असहाय हो जाते थे. गुजरात में जो हुआ वह निस्संदेह दुखद है."


भट्टाचार्य 31 मार्च, 2016 को उत्तरी कोलकाता में ज़ेरे तामीर विवेकानंद रोड फ्लाईओवर के 490 फीट के स्टील स्पैन के ढहने का ज़िक्र कर रहे थे, जिसमें 27 लोग मारे गए थे.


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