अलीगढ़ः अभी चार दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली और शब-ए-बरात को लेकर आला अधिकारियों के साथ की गई एक बैठक में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ गाईडलाइन्स जारी किए थे. उन्होंने होली के अवसर पर उपद्रव करने वाले शरारती तत्वों से निपटने के सख्त आदेश दिए थे. मुस्लिम बाहुल मोहल्ले में अश्लील गाने बजाने और उकसाने वाले किसी भी तरह के कृत्य को अंजाम देने से लोगों को परहेज करने की चेतावनी दी गई थी. वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों से ऐसी तस्वीरे सामने आई है, जिसमें मस्जिदों को तिरपाल या प्लास्टिक की चादरों से ढंक दिया गया है. ऐसा होली के मौके पर उपद्रवियों द्वारा मस्जिद पर रंग या कीचड़ फेंकने से रोकने के लिए किया गया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अलीगढ़ में एक मस्जिद को होली के त्योहार से पहले तिरपाल से ढक दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उस पर रंग नहीं लगे. अलीगढ़ के सबसे संवेदनशील चौराहे 'हलवाईयां' की अब्दुल करीम मस्जिद को रात में तिरपाल से ढक दिया गया है ताकि होली के दौरान उपद्रव करने वाले असमाजिक तत्व मस्जिद पर रंग न लगा दें.
 



हाजी मोहम्मद इकबाल, मुतवल्ली-मस्जिद हलवाइयाँ ने कहा, "प्रशासन के निर्देश पर हम मस्जिद को तिरपाल से ढक देते हैं ताकि कोई भी मस्जिद में रंग या गंदगी न फेंके." उन्होंने कहा, “जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता में आई है, तब से होली के दौरान मस्जिद को ढक दिया जा रहा है." 


ऐसी तस्वीरे कई दूसरे जिले में भी देखने को मिली है. विवादों से बचने के लिए यह प्रथा पिछले कुछ वर्षों से चली आ रही है. लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरे आने के बाद लोग इसका विरोध कर रहे हैं. लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रदेश में योगी आदित्य नाथ का इकबाल खत्म हो गया है ? क्या जनता का सरकार और पुलिस प्रशासन से भरोसा उठ गया है ? अगर ऐसा है, तो ये किसी सरकार के लिए बेहद खतरनाक और शर्मनाक स्थिति है. मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी समाज का एक वर्ग उनपर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है और होली के पहले अपनी मस्जिदों को तिरपाल से ढक रहा है ? सोशल मीडिया यूज़र पूछ रहे हैं कि  अमृतकाल में अगर ऐसा होगा तो ये सराकर के लिए शर्म की बात होगी.  


Zee Salaam