मां-बेटे ने एक साथ पास की PCS परीक्षा, एक ही विभाग में मिली नौकरी; इस तरह शुरू की थी तैयारी
यह मामला केरल का है, जहां आंगनबाड़ी में काम करने वाली एक महिला को लास्ट ग्रेड सर्वेंट परीक्षा में 92वीं रैंक आई है, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे को एलडीसी की परीक्षा में 38 वीं रैंक आई है.
मलप्पुरमः बढ़ती उम्र के बाद पढ़ाई और नोकरी की खबरें आपने खूब सुनी होगी, अब एक ऐसी खबर आई है, जिसमें बेटे को पढाई के लिए प्रोत्साहित करने वाली एक महिला ने खुद पढ़ाई करते हुए सरकारी नोकरी हासिल कर ली है. खास बात यह है कि मां और बेटे दोनों का एक ही विभाग में एक साथ नौकरी मिली है. केरल में रहने वाली बिंदू का बेटा जब दसवीं कक्षा में पढ़ता था, तब उसकी मां ने उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किताबें पढ़ना शुरू किया था. इस तरह बेटे को प्रोत्साहने देने के लिए शुरू की गई पढ़ाई ने मां को केरल लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित कर दिया. अब मां और बेटा दोनों सरकारी नौकरी में शामिल होकर अपनी सेवाएं देंगे.
बिंदू (42) ने एक टीवी चैनल पर दिए साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने ‘लास्ट ग्रेड सर्वेंट’ (एलडीएस) परीक्षा पास की है, और उनकी 92वीं रैंक आई है, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे ने अवर श्रेणी लिपिक (एलडीसी) की परीक्षा पास की है और उसकी 38 वीं रैंक आई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने शुरुआत अपने बेटे को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की थी. इससे उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने एक कोचिंग केंद्र में दाखिला ले लिया. वहीं, उन्होंने अपने बेटे का भी दाखिला कराया जब उसने स्नातक की परीक्षा पास कर ली.
बिंदू ने बताया कि उन्होंने एलजीएस के लिए दो बार और एलडीसी के लिए एक बार कोशिश की थी, लेकिन चौथे प्रयास में वह सफल हुईं. उन्होंने बताया कि उनका वास्तविक लक्ष्य आईसीडीएस पर्यवेक्षक परीक्षा थी और एलजीएस परीक्षा पास करना एक “बोनस“ की तरह है. वह पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी शिक्षिका हैं. बिंदू ने कहा कि पीसीएस परीक्षा पास करने की बार-बार की कोशिश में कोचिंग सेंटर के उनके शिक्षकों, उनके दोस्तों और उनके बेटे ने उन्हें प्रोत्साहित किया और पढ़ाई के दौरान हर तरह का समर्थन दिया.
वहीं, महिला के बेटे ने टीवी चैनल से कहा कि वे दोनों एक साथ पढ़ाई नहीं करते थे, लेकिन वे कुछ विषयों पर चर्चा करते थे. उसने कहा कि मैं अकेले पढ़ाई करना पसंद करता हूं. इसके अलावा, मां हमेशा पढ़ाई नहीं करती हैं. वह वक्त मिलने पर और आंगनबाड़ी की ड्यूटी के बाद पढ़ाई करती हैं.
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