MP News: मध्य प्रदेश में आगामी 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा इलेक्शन के लिए नॉमिनेशन दाखिल करने में एक सप्ताह से भी कम वक्त बचा है. ऐसे में मौजूदा विधानसभा मेंबर व पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने आवास पर पार्टी विधायकों को रात्रिभोज के लिए बुलाया है. ये भोज 15 फरवरी को नॉमिनेशन की आखिरी तारीख से ठीक दो दिन पहले 13 फरवरी को आयोजित हो रही है.


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बता दें कि कांग्रेस नेता कमलनाथ ने हाल ही में दिल्ली में पार्टी आलाकमान और पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. उन्होंने इसके लिए उनसे इजाजत मांगी थी. लेकिन कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ को अभी तक सोनिया गांधी से कोई मंजूरी नहीं मिली है.सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में हुए राज्य असेंबली इलेक्शन में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी कमलनाथ से नाराज हैं.


कमलनाथ गांधी परिवार के बहुत करीबी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी ने कमलनाथ से बातचीत तक बंद कर दी है. वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के एक सीनियर लीडर व पूर्व राज्यसभा सांसद ने  नाम न छापने की शर्त पर कहा, "वह (राहुल गांधी) इस बात से परेशान हैं कि असेंबली इलेक्शन से संबंधित फैसला लेने के लिए कमलनाथ को पूरा हक दिए जाने के बावजूद कांग्रेस मध्य प्रदेश में चुनाव हार गई."


मध्य प्रदेश से पांच राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं,  सभी सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है. इनमें सेंट्रल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन समेत चार बीजेपी के नेता हैं जबकि कांग्रेस से एक राजमणि पटेल हैं. पार्टी की हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ की जगह नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को बनाया है. इसलिए, छिंदवाड़ा से 9 बार के लोकसभा सांसद कमलनाथ, जिन्होंने UPA-1 और UPA-2 के दौरान कई मंत्रालयों की अगुआई की है, राज्यसभा के जरिए से नेशनल पॉलिटिक्स सियासत में लौटने के इच्छुक हैं.


ये हैं राज्यसभा की रेस में
हालांकि कांग्रेस ने अभी तक उच्च सदन ( राज्यसभा ) के लिए अपने कैंडिडेटस् के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि पार्टी आलाकमान किसी OBC या दलित उम्मीदवार को नामित कर सकता है. सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के विरोधी गुट से अरुण यादव भी रेस में हैं.


कमलनाथ का शक्ति प्रदर्शन
चूंकि, कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों को रात्रिभोज पर बुलाया है, इसलिए इसे शक्ति प्रदर्शन की कवायद माना जा रहा है. असेंबली इलेक्शन के दौरान टिकट वितरण में दिग्गज नेता का पलड़ा भारी था, इसलिए कई विधायक उनके साथ हैं.मध्य प्रदेश में कांग्रेस के टोटल 66 विधायक हैं. इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि उनमें से कितने  MLAs 13 फरवरी को कमलनाथ की डिनर पार्टी में शामिल होते हैं.