Parliament Winter Session 2023: पार्लियामेंट के शीतकालीन सत्र विपक्ष के हंगामें और शोर-गुल में जा रहा है. जिसके चलते आज 45 और संसदो को सदन की अवमानना के आरोप में बचे हुए सत्र की अवधि के लिए और तीन अन्य सांसदों को विशेषाधिकार कमेटी की रिपोर्ट आने तक सदन से निलंबित कर दिया गया है. निलंबित हुए सांसदों में कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन भी शामिल हैं. इतनी बड़ी तदाद में सांसदों को सस्पेंड किए जाने के बाद विपक्ष के सांसदों में खासा गुस्सा देखने मिल रहा हैं. सस्पेंड हुए सांसदों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया है, अब इसको लेकर विपक्ष के कई नेताओं की प्रतिक्रया सामने आई है.


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"पहले लोगों ने संसद पर हमला किया और अब सरकार ने"
निलंबन पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'X' पर लिखा, "सबसे पहले कुछ लोगों ने संसद पर हमला किया, फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में डाला जा रहा है." उन्होंने दावा किया, "विपक्ष विहीन संसद के साथ मोदी सरकार अब बिना किसी चर्चा के महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को पारित कर सकती है, विरोध की आवाज कुचल सकती है." इसी पर कांग्रेस राज्य सभा सांसद K C वेनुगोपाल ने X पर लिखा, "फासीवादी शासन के हाथों संसद से निलंबित किए जाने को हम सम्मान का प्रतीक मानते हैं. 47 लोकसभा सांसदों के बाद, बीजेपी ने कुल 92 विपक्षी नेताओं को निलंबित करने के लिए राज्यसभा सांसदों को भी निलंबित कर दिया है."



"विपक्ष के पास कोई एजंडा नहीं"
विपक्ष के हंगामे और निलंबन पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, "विपक्ष ने आज अभद्र व्यवहार किया. विपक्ष असुरक्षित महसूस कर रहा है क्योंकि उनके पास PM मोदी की सरकार के खिलाफ कोई एजेंडा या मुद्दा नहीं है और वे सदन को चलने नहीं दे रहे हैं. इसलिए स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया है और हमने इसका समर्थन किया है."