Mukhtar Ansari Son Omar Ansari: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी. उमर अंसारी के खिलाफ यूपी पुलिस ने 2022 असेंबली इलेक्शन के दौरान एक रैली में कथित तौर पर भटकाऊ भाषण देने के इल्जाम में चार्जशीट दायर की थी. जस्टिस हृषिकेश रॉय की अगुवाई वाली बेंच ने उमर अंसारी की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल की इस दलील पर गौर किया कि कथित भड़काऊ भाषण याचिकाकर्ता के भाई अब्बास अंसारी ने दी थी. इसके अलावा बेंच में शामिल जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि अब्बास अंसारी को एक सह-अभियुक्त के साथ पहले ही ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी जा चुकी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 
दलीलें सुनने के बाद बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चैलेंज देने वाली उनकी अर्जी पर यूपी सरकार को नोटिस जारी करके चार हफ्ते में जवाब मांगा है. दिसंबर 2023 में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द कर दिया था जो इलेक्शन के दौरान मऊ के पहाड़पुर इलाके में एक अवामी रैली में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को धमकी देने के मामले में सह-अभियुक्त था. हेट स्पीच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद, मऊ पुलिस ने मार्च 2022 में अंसारी ब्रदर्स पर आईपीसी की दफा 171एफ और 506 के तहत मामला दर्ज किया था.



बता दें कि, मऊ जिले के कोतवाली पुलिस थाने में चार मार्च 2022 को अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार), उमर अंसारी और 150 नामालूम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में इल्जाम लगाया गया था कि तीन मार्च 2022 को पहाड़पुर मैदान में हुई एक रैली में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और कंवीनर मंसूर अहमद अंसारी ने मऊ इंतेजामिया से हिसाब-किताब बराबर करने की बात कही थी. यह मामला चुनाव आचार संहिता की खिलाफवर्जी का है. इससे पहले बीते साल जुलाई में, सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को खारिज करने से इनकार कर दिया था और उन्हें ट्रायल कोर्ट के सामने एप्लिकेशन दोने को कहा था. उसने दलील दी थी कि जब उसके भाई ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की खिलाफवर्जी करते हुए कथित रूप से विवादास्पद भाषण दी थी, तो उन पर सिर्फ स्टेज साझा करने का इल्जाम लगाया गया है.