कोलकाताः पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर तनाव पश्चिम बंगाल में हावड़ा और मुर्शिदाबाद जिलों के बाद अब राज्य के नदिया जिले में भी हिंसा फैल गई है. वहीं, दूसरी जानिब, पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धार्मिक नेताओं के एक संघ ने समुदाय के लोगों से स्वार्थी लोगों की साजिश में न फंसने और हिंसा से दूर रहने की अपील की है. बंगाल इमाम संघ ने भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियों को लेकर राज्य में किसी और रैली या प्रदर्शन की इजाजत न देने का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है.  

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विरोध-प्रदर्शनों से राज्य के लोगों को बंधक नहीं बना सकते
बंगाल इमाम संघ के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि विरोध के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के एक वर्ग द्वारा हिंसा, आगजनी और संपत्तियों और पुलिस अहल्कारों पर हमला करने से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है और जनता को बहुत परेशानी हुई है. उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा और एक दीगर भाजपा नेता की टिप्पणी नाकाबिल-ए-बर्दास्त है और हम प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं. हम हावड़ा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों से राज्य के लोगों को बंधक नहीं बना सकते.

असम में भी हिंसक प्रदर्शनों से दूर रहने की अपील 
वहीं, असम स्टेट जमीयत उलेमा-ए- हिंद और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रियांए जारी की है. नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के विवादित बयान के बाद असम स्टेट जमीअत उलेमा ई हिंद के सदर हाफिज बशीर अहमद कासमी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा का विवादित बयान सरासर गलत है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन मुसलमानों से भी मेरी अपील है कि वह लोग कानून को अपने हाथ में ना लें.देश के कानून को इस मामले पर फैसला करने दिया जाए. इस मामले में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के जनरल सेक्रेटरी हाफिज रफीकुल इस्लाम ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की और नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नूपुर शर्मा को सिर्फ पार्टी से निकालने से इस मामले की सजा नहीं होती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को भी कानून को हाथ में लेना नहीं चाहिए. 
 


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