Bihar Weather Update: भीषण गर्मी और बारिश नहीं होने की वजह से बिहार के जिला मोतिहारी के ग्रामीण इलाकों में पानी की भारी किल्लत हो गई है. धरती के अंदर के पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है जिस वजह से ज्यादातर चापाकल सूख गए. किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं. वहीं रक्सौल के लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा है और प्रशासन मौन है. प्रशासन से मदद की आस खत्म हुई तो लोगों ने ऊपर वाले (अल्लाह) से मदद मांगी है. 


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रक्सौल के लक्ष्मीपुर में मौजूद कर्बला पर बारिश के लिए दुआ मांगी जा रही है. यहां बारिश के लिए नमाज भी पढ़ी जा रही है. नेपाल और सीमावर्ती इलाकों के बड़े-बड़े मौलबी मौलाना ने भी बारिश के लिए दुआ मांगी. नेपाल से आए मौलबी ने बताया की ये इसीस्ता की नमाज है. ये बारिश के लिए पढ़ी जाती है. पूर्व में भी जब ऐसे सूखे जैसे हालात होते थे, तो गांव से बाहर नमाज अदा किया जाता था. ये नमाज लगातर तीन दिनों तक पढ़ी जाएगी और अल्लाह से बारिश के लिए दुआ की जाएगी.


बता दें रक्सौल और आसपास के इलाकों में पिछले दो महीनों से पानी के लिए हाहाकार मचा है. चापाकल सूख गए हैं. पानी के लिए लोग नए सिरे से चापाकल काल लगवा रहे हैं. वहीं बहुत लोग पेपर की प्लेट उपयोग कर रहे हैं ताकि पानी कम से कम खर्च हो.


हालांकि बिहार के कुछ इलाकों में इतनी बारिश हुई है कि यहां पर बाढ़ जैसे हालात हैं. सुपौल में कोसी नदी में पानी बढ़ा हुआ है. लोगों को डर है कि कहीं नदी का बांध कट न जाए तो इससे बाढ़ा आ जाए. पूर्णिया में बाढ़ आ चुकी है. यहां की कई नदियां उफान पर हैं. इनके जरिए पानी रिहाइशी इलाकों में घुस गया है. 


कटिहार में महानंदा नदी पानी कुछ कम हुआ है. लेकिन यहां गंगा नदी में पानी बढ़ा हुआ है. इसलिए इसके आस पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं. वहीं गोपालगंज में गंडक नदी में पानी कम होने से बाढ़ का खतरा टल गया है. 


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