वाराणसी: काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले और दूसरो मसलों पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी एक्सिक्यूटिव कमेटी की आपात बैठक बुलाई जिसमें कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं, क्योंकि मामला कोर्ट में है इसलिए बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि बोर्ड की लीगल कमिटी केस को लड़ने में मुस्लिम पक्ष की हर संभव मदद करेगी.


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मीटिंग में ये बात भी कही गई है कि केंद्र सरकार सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों से 1991 के वर्शिप एक्ट पर उनका पक्ष जानेगी. इसके अलावा बोर्ड के मुताबिक़, तमाम तरीके की बातों जनता के सामने अधूरा रखा जा रहा है. उसके लिए बोर्ड पैम्पलेट व बुक्स छपवाने का काम करेगी, जिनमें तथ्यों के साथ जानकारी हो और उन्हें जनता तक पहुंचाने का काम करेगी.


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इसके अलावा इस मीटिंग में ज्ञानवापी, टीपू सुल्तान मस्जिद समेत देश के अन्य मौजूदा मसलों पर चर्चा की गई, बैठक करीब 2 घण्टे चली, बोर्ड के 45 सदस्य ऑनलाइन माध्यम से एक दूसरे से जुड़े.


गौरतलब है कि इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद और उसके अहाते के सर्वे का हुक्म और सर्वे की बुनियाद पर वजखाने को बंद करना ये सरासर नाइंसाफी है. इस हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. बोर्ड ने ये भी कहा था कि सरकार इस मामले में दखल दे और हाई कोर्ट के फैसले का इंतिज़ार किया जाए.



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वहीं, पिछले रोज सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने कहा था कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं और स्थानीय डीएम को आदेश देना चाहते हैं कि जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को महफूज रखा जाए, लेकिन लोगों को नमाज से ना रोका जाए. अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 19 मई को होगी.


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