मुसलमानों ने स्कूल में की `तू ही राम है, तू रहीम है` प्रार्थना की मांग; मच गया बवाल
झारखंड के एक सरकारी स्कूल में गांव के मुसलमानों के दबाव में आकर प्रार्थना बदलने पर बवाल मच गया, जिसके बाद पुराने प्रार्थना को दोबारा बहाल कर दिया गया है.
रांचीः झारखंड के गढ़वा के एक सरकारी स्कूल में मुस्लिम समाज के लोगों के दबाव पर आकर एक स्कूल ने कथित तौर पर अपना प्रार्थना गीत बदल दिया था. इस मामले ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया. भाजपा नेताओं के ऐतराज के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश दिया है, जिसके बाद इस मामले को शांत किया गया. हालांकि, इस आदेश के साथ ही गढ़वा के डीसी रमेश घोलप और पुलिस अधीक्षक अंजनी झा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पुराने प्रार्थना को फिर से शुरू करवा दिया है.
पहले से चल रहा था 'दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना’ प्रार्थना
मामला गढ़वा जिला मुख्यालय के सदर प्रखंड के तहत कोरवाडीह में वाके उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है. यहां मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक युगेश राम से कहा कि गांव में हमारी आबादी 75 फीसदी है, इसलिए स्कूल में मोर्निंग असेम्बली के दौरन कराई जाने वाली प्रार्थना हमारे मुताबिक होगी. उन्होंने दबाव डालकर ’दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना’ वाली प्रार्थना बदलवा दी. इसकी जगह नया प्रार्थना गीत ’तू ही राम है, तू रहीम है’ बहाल कर दिया गया. इसके अलावा प्रार्थना के दौरान बच्चों के हाथ जोड़ने का तरीका भी बंद करवा दिया गया था.
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने जताया ऐतराज
मंगलवार को जब यह मामला मीडिया में सामने आया तो झारखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी, प्रदेश भाजपा सद्र और सांसद दीपक प्रकाश, भवनाथपुर के विधायक भानुप्रताप शाही सहित पार्टी के कई नेताओं ने इसपर कड़ा ऐतराज जताया. हेमंत सोरेन सरकार पर भी निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह तुष्टिकरण की राजनीति का नतीजा है. इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ऐसा करने की छूट दी गई तो जिस जगह पर जिस धर्म-मजहब के लोग ज्यादा तादाद में होंगे, वह अपने हिसाब से सब कुछ तय करने लगेंगे.
बहाल की गई पुरानी प्रार्थना
इसके बाद शिक्षा मंत्री ने गढ़वा के डीसी और एसपी को फोन पर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया. प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम स्कूल पहुंची और गांव के स्कूल प्रबंधन समिति के साथ बैठकर इस मामले को सुलझाया. इसके बाद तय हुआ कि पुरानी परंपरा के मुताबिक ही प्रार्थना होगी. बीडीओ और सीओ की मौजूदगी में बच्चों ने मंगलवार को हाथ जोड़कर प्रार्थना की.
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