Muzzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति का दावा है कि एक स्थानीय अस्पताल में उसकी इजाजत के बिना सेक्स चेज का ऑपरेशन किया गया. हालांकि, अस्पताल ने दावा किया है कि व्यक्ति ने अपनी मर्जी से लिंग परिवर्तन करवाया था.


अगले दिन कटा मिला गुप्तांग


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20 साल के युवक ने दावा किया कि ओमप्रकाश नाम का सख्स उसके साथ छेड़छाड़ करता था. 3 जून को, युवक ने बताया कि ओमप्रकाश उसे अस्पताल ले गया, जहां उसे बेहोश कर दिया गया और धोखे से ऑपरेशन करवा दिया गया. जब वह अगली सुबह उठा, तो उसने पाया कि उसका गुप्तांग काट दिया गया था.


पीड़ित का आरोप डॉक्टरों के साथ मिली भगत


व्यक्ति ने कहा, "जब मैं होश में आया तो ओमप्रकाश ने मुझसे कहा कि मैं अब एक महिला हूं और वह मुझसे शादी करने के लिए मुझे लखनऊ ले जाएगा. उसने धमकी दी कि अगर मैंने विरोध किया तो वह मेरे पिता को मार देगा." उसने यह भी कहा कि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी ओमप्रकाश के साथ मिलीभगत कर रहे थे.


16 जून को पीड़ित के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने ओमप्रकाश को गिरफ़्तार कर लिया. हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस जांच में ढिलाई बरती गई.


किसान नेता श्याम पाल के अनुसार अस्पताल के डॉक्टर अवैध अंग व्यापार में संलिप्त थे. उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि यहां बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है, जहां वे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को निकालकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते हैं." पाल ने सरकार से अस्पताल को व्यक्ति और उसके परिवार को दो करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने की भी मांग की.


पुलिस ने क्या कहा?


मुजफ्फरनगर के खतौली थाने के सर्किल ऑफिसर रामाशीष सिंह ने बताया, "यहां एक मामला आया था जिसमें एक व्यक्ति का लिंग परिवर्तन ऑपरेशन किया गया था. उसके परिवार वालों का आरोप है कि उसे किसी दूसरे व्यक्ति ने गुमराह करके ऑपरेशन कर दिया. इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए यहां धरना दिया गया और जो भी आरोप लगाए गए हैं, उन पर विचार किया गया है. आगे की जांच चल रही है."


चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने क्या कहा?


मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कीर्ति गोस्वामी के अनुसार, वह व्यक्ति प्लास्टिक सर्जन डॉ. रजा फारूकी से मिलने के लिए दो महीने से नियमित रूप से अस्पताल आ रहा था. गोस्वामी ने कहा कि वह व्यक्ति खुद को महिला बताता था और सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी करवाना चाहता था. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि डॉ. फारूकी ने व्यक्ति की मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए उसे दो मनोचिकित्सकों के पास भेजा, जो कानून के अनुसार लिंग परिवर्तन ऑपरेशन से पहले एक शर्त है. दोनों मनोचिकित्सकों के जरिए व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ पाए जाने के बाद ही उसका ऑपरेशन किया गया.


गोस्वामी ने कहा, "वह व्यक्ति 4 जून को यहां भर्ती होने आया था और उसका ऑपरेशन 6 जून को किया गया. ये सभी प्रक्रियाएं कानूनी हैं और डॉ. फारूकी की देखरेख में की गईं." गोस्वामी ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों के पास उस व्यक्ति का ऑपरेशन से पहले का एक वीडियो था, जिसमें वह अपना लिंग परिवर्तन कराने के लिए ऑपरेशन कराने की बात कर रहा था.