तालिबान ने `हराम` बताकर बंद करवाई इस चीज़ की खेती; अब ये देश दुनिया को कर रहा बर्बाद
कई सालों से दुनिया के सबसे बड़े अफीम उत्पादक देशों में आने वाले अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद अफीम की खेती में भारी गिरावट देखने मिली है.
World’s top opium producer: अफ़ीम की खेती की जब भी बात होती है, तो अफ़ग़ानिस्तान का नाम हमारे दिमाग में आता है. लेकिन तालिबान के कंट्रोल के बाद अफगानिस्तान की अफीम की खेती में 95% तक की गिरावट देखने मिली है. UN की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार 2023 में अफगानिस्तान को पछाड़कर दुनिया का टॉप अफीम उत्पादक देश बन गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, म्यांमार के किसान अब अफीम पोस्त की खेती से लगभग 75 फीसदी ज्यादा कमाते हैं, क्योंकि फूल की औसत कीमतें लगभग 355 डॉलर प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं.
तख्तापलट के बाद बढ़ी अफ़ीम की खेती
संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNDC) के क्षेत्रीय प्रतिनिधि जेरेमी डगलस कहा , "फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद गरीबी और देश में आए संकट के बाद दूर-दराज के इलाकों के किसान अपनी कमाई के लिए अफीम की ओर बढ़ रहे हैं." बता दें कि अफ़ीम हार्ड ड्रग हेरोइन बनाने में काम आती है, अफीम की खेती म्यांमार में दशकों से होती आई है लेकिन देश में ग्रह-युद्ध छिड़ने के बाद इसके उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है.
अफीम से होने वाली मोटी कमाई ने सरकार के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोहियों की काफी आर्थिक मदद की है. 2022 से 2023 तक म्यांमार में अफीम की अवैध फसल उगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अनुमानित जमीन में 18% की बढ़ोत्तरी हुई है, जोकि अब 40,100 से 47,000 हेक्टेयर (99,000 से 116,000 एकड़) हो गई है.
तालिबान के सख्त कानून ने लगाई अफीम पर रोक
कई सालों से दुनिया के सबसे बड़े अफीम उत्पादक देशों में आने वाले अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के आने के बाद अफीम की खेती में भारी गिरावट देखने मिली है. 2021 में तालिबान ने सत्ता वापस लेने के बाद अफीम की अवैध खेती पर पाबंदी लगा दी थी. अफीम और खसखस के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन 2022 के आखिर तक 233,000 हेक्टेयर थी जोकि 2023 में 10,800 हो गई है.
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