मंदिर में जलाभिषेक करके दोनों तरफ से फंसी नसीम सोलंकी, मौलवी ने जारी किया फतवा, तो बीजेपी ने करवाया शुद्धीकरण!
Naseem Solanki: समाजवादी पार्टी की नेत्री नसीम सोलंकी को दीवाली के मौके पर मंदिर में जलाभिषेक करना भारी पड़ गया. एक तरफ जहां नसीम सोलंकी के मंदिर से निकलने के बाद उसका शुद्धीकरण किया गया, वहीं बरेलवी के मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है.
Naseem Solanki: समाजवादी पार्टी के सीसामऊ सीट से उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने दीवाली के मौके पर एकता और भाईचारा का उदाहरण देते हुए दीया जलाया और मंदिर में जलाभिषेक किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद इस मामले में जमकर राजनीति हो रही है. नसीम सोलंकी के खिलाफ बरेलवी के मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा भी जारी कर दिया है, फतवे में कहा गया है कि "नसीम ने जो किया है शरीयत उसकी इजाजत नहीं देता है. उन्हें माफी मांगकर कलमा पढ़ना होगा." वहीं नसीम के जलाभिषेक को भाजपा ने भी राजनीतिक ड्रामा बताया है.
आस्था के साथ मजाक बर्दाश्त नहीं
इस बारे में ज़ी मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के कानपुर सीसीमऊ के कैंडिडेट सुरेश अवस्थी ने कहा कि "ये एक ड्रामा था, इसलिए मंदिर का शुद्धिकरण होना ही चाहिए था मैं इसका स्वागत करता हूँ." उन्होंने आगे कहा कि "मैं नसीम सोलंकी से कहना चाहता हूँ कि अगर वो सभी धर्म को मानती हैं और उनका जलाभिषेक करना ड्रामा नहीं था तो वो मेरे साथ चलकर रुद्राभिषेक करें मैं उनको विधि विधान से पूजा करवाऊँगा. लेकिन अभी नहीं चुनाव के बाद चलें, अभी चुनाव के समय ड्रामा ना करें."
गंगाजल से शुद्धिकरण
नसीम सोलंकी के मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद कई कट्टरपंथी लोग इसके खिलाफ हंगामा करने लगे और फिर मंदिर का शुद्धीकरण करवाया गया. मंदिर में आए श्रद्धालुओं और समिति के सदस्यों ने गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण किया