Chhattisgarh Naxal attack:: छत्तीसगढ़ के दंतवाड़ा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां बुधवार यानी 26 अप्रैल को एक बड़ा हादसा हुआ जिसमें भारतीय सेना के 11 जवान शहीद हो गए. डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के जवानों को ले जा रहे एक वाहन पर आईईडी (IED) से हमला किया गया. हमले पर सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह बहुत दुखद है. शोक संतप्त परिवारों को मेरी संवेदनाएं हैं. ये लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है. नक्सलियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे."


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नक्सलवादियों की खबर मिली थी


अधिकारियों ने बताया कि आज दंतेवाड़ा के थाना अरनपुर में नक्सलियों के होने की खबर मिली थी. इसके बाद यहां डीआरजी बल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया. वापसी के दौरान माओवादियों की तरफ से अरनपुर मार्ग पर आईईडी विस्फोट किया गया. जिससे अभियान में शामिल 10 डीआरजी जवान और एक ट्रक ड्राइवर शहीद हो गए हैं. 



गृहमंत्री ने मदद का भरोसा दिया


हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है. उन्होंने कहा है कि "जो भी राज्य को चाहिए होगा, वो दिया जाएगा."


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क्या है DRG?


DRG यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, जो छत्तीसगढ़ पुलिस के स्पेशल जवान हैं. ये महज नक्सलियों से लड़ने के लिए भर्ती किए गए हैं. इसमें सरेंडर करने वाले नक्सली और बस्तर के ही वातावर में पले बढ़े लोग शामिल होते हैं. बताया जाता है कि नक्सलवादियों के खिलाफ इन्हीं जवानों को सबसे बड़ी कामयाबी मिली है. 


पहले भी हुए हमले


इससे पहले अक्टूबर 2018 में दंतेवाड़ा में संदिग्ध माओवादियों के हमले में सुरक्षाबल के दो जवान समेत दूरदर्शन के एक कैमरामैन की मौत हो गई थी. इस हमले में सुरक्षाबल के दो लोग घायल भी हुए. दूरदर्शन ने छत्तीसगढ़ में चुनाव की कवरेज के लिए एक कैमरा टीम तैनात की था. इस टीम में कैमरामैन अच्युतानंद साहू, रिपोर्टर धीरज कुमार और सहायक मोरमुक्त शर्मा शामिल थे.


माओवादियों ने यह हमला ऐसे समय में किया था, जब सप्ताह भर पहले ही माओवादियों की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया था कि बस्तर के किसी भी हिस्से में रिपोर्टिंग के लिए पत्रकार आ सकते हैं. उन्हें किसी भी इलाके में आने-जाने पर रोका नहीं जाएगा.


इसके अलावा मई 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया गया. कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए. अप्रैल 2014 में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा में नक्सली हमला हुआ था. इसमें पांच जवानों समेत 14 लोगों की मौत.


मार्च 2014 में सुकमा जिले के टाहकवाड़ा में नक्सली हमला हुआ. इसमें 15 जवान शहीद हो गए. अप्रैल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला हुआ इसमें 76 जवान शहीद हो गए.


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