Jammu NCRB Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में इस साल, पिछले साल की तुलना में अपराध के मामलों में 24.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. तो वहीं  हिसंक मामलों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है.


2021 में 31,675 पहुंचा अपराध का आंकड़ा


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आपको बता दें कि सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 2019 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) संबंधी 22,404 अपराध और विशेष एवं स्थानीय कानून (एसएलएल) संबंधी 3,004 अपराध सहित कुल 25,408 संज्ञेय मामले सामने आए थे. जबकि साल 2021 में आपराधिक मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 31,675 हो गया, जिसमें 27,447 आईपीसी संबंधी अपराध और 4,228 एसएलएल संबंधी अपराध शामिल हैं.


कोराना महामारी में भी कम नहीं हुए जुर्म


ग़ौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान भी साल 2020 में कुल 28,911 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए थे. जिनमें 25,233 आईपीसी संबंधी अपराध और 3,678 एसएलएल संबंधी अपराध शामिल रहे. NCRB की जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच प्रति लाख पर अपराध दर्ज होने की दर 235.7 रही जबकि आरोपपत्र दाखिल करने की दर 81.4 प्रतिशत रही. हालांकि, रिपोर्ट में दावा किया है कि घाटक अपराधों में गिरावट देखी गई है.


आतंकवाद ने ली इतने लोगों की जान


रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 में हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए जबकि इसके पिछले साल हत्या के 149 मामले सामने आये थे. आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में 2019 में हत्या के 119 मामले दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि साल 2021 में हत्या के 136 मामलों में आतंकवाद या चरमपंथी घटनाओं के कारण 30 लोगों की जान चली गई. तो वहीं, हत्या के मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने की दर 79.9 प्रतिशत दर्ज की गई. रिपोर्ट के मुताबिक, 3072 हिंसक अपराधों में बलात्कार के 315 मामले, अपहरण से संबंधित 1,041 मामले, दंगे के 751 मामले और आगजनी के 131 मामले शामिल रहे. 


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