Dharmendra Pradhan on NEET: एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने से इनकार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे ‘सच की जीत’ करार दिया है.


क्या बोले धर्मेंद्र प्रधान?


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एएनआई ने मंत्री के हवाले से कहा, "सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद मैं कहना चाहूंगा, "सत्यमेव जयते. जब NEET का मामला सामने आया, तो आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका साफ हो गई है. कल तक लोकसभा के विपक्ष के नेता ने जो रवैया अपनाया था, जिसमें देश की परीक्षा प्रणाली को अमान्य बताया गया और इसे "बकवास" कहा गया, उससे उनकी मानसिक स्थिति का पता चलता है."


राहुल गांधी की आलोचना


प्रधान ने कहा, "इसकी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने भारत की आलोचना की है. मुल्क के स्टूडेंट्स को गुमराह करना, भ्रम पैदा करना और उन्हें सामाजिक तनाव के लिए उकसाना, ये सब उनकी राजनीति का सुनियोजित हिस्सा है. देश में चुनावी नतीजों को नकार कर अराजकता और नागरिक अशांति उनकी रणनीति का हिस्सा बन गई है."


मंत्री ने कहा, "मैं उनसे और विपक्ष के उन सभी लोगों से अपील करता हूं जो इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकतों में शामिल थे - उन्हें देश के छात्रों, युवाओं और अभिभावकों से माफ़ी मांगनी चाहिए...आपने देश को चोट पहुंचाई है, देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की है, देश में नागरिक अशांति फैलाने की साजिश रची है. देश आपको माफ नहीं करेगा. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अलग-अलग हो सकती है, लेकिन छात्र सभी के हैं."


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल के फेज में रिकॉर्ड पर ऐसी कोई चीज नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि एग्जाम के नतीजे दूषित हैं या परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन हुआ है.


सोमवार को नीट मुद्दे पर प्रधान और राहुल गांधी के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि प्रधान ने खुद को छोड़कर हर किसी को दोषी ठहराया है. राहुल गांधी ने कहा था,"मुझे नहीं लगता कि वह यहां जो कुछ हो रहे हैं उसके मूल सिद्धांतों को भी समझते हैं... मुद्दा यह है कि इस देश के लाखों छात्र इस बात को लेकर बेहद फिक्रमंद हैं कि क्या हो रहा है और कौन इस बात पर आश्वस्त है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है."