NEET Paper Leak: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट(ईओयू), जो नीट-यूजी में पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से पहले कर रही थी, उन्होंने रविवार को खुलासा किया कि उसने “सॉल्वर गैंग” के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने 5 जून को निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले हल किया हुआ क्वेश्चन पेपर लिया था.


पांच लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी


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इस मामले में पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. उनमें से बलदेव कुमार भी शामिल है. ईओयू ने दावा किया है कि कुमार गिरोह के सरगना संजीव कुमार का सहयोगी है. 'सॉल्वर गैंग' रवि अत्री के जरिए संचालित एक कथित नेटवर्क है. यह गिरोह सोशल मीडिया सहित अलग-अलग माध्यमों से सॉल्वर प्रश्नपत्र प्राप्त करने और उचित मूल्य चुकाने को तैयार छात्रों तक पहुंचाने में माहिर है.


बलदेव कुमार को मिली थी हल हुई पीडीएफ


इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईओयू ने बताया,"मौजूदा सबूतों के आधार पर, तारीख 05.05.2024 को आयोजित NEET UG-2024 परीक्षा के हल किए गए प्रश्न पत्र इस गिरोह को मोबाइल पर प्राप्त हुए थे. ईओयू ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "बलदेव कुमार को 5 मई की सुबह उनके मोबाइल पर हल किए गए प्रश्नपत्र की पीडीएफ फाइल मिली थी. स्कूल में रखे वाई-फाई प्रिंटर से इसकी प्रतियां निकाली गईं. अभ्यर्थियों के समूह बनाए गए और उन्हें याद कराया गया."


17 मई को पटना पुलिस से जांच का जिम्मा संभालने वाले ईओयू ने घोषणा की कि मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाएगा. इससे पहले, 5 मई को पटना पुलिस ने कथित पेपर लीक के लिए 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. 


पटना में किराए के मकान में रह रहा था


नालंदा जिले के बिहार शरीफ का रहने वाला बलदेव कुमार पटना में किराए के मकान में रह रहा था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दूसरे "सॉल्वर गैंग के सदस्यों" में पटना के अगमकुआं का मुकेश कुमार, नालंदा के छबीलापुर का पंकू कुमार, नालंदा के एकंगरसराय का राजीव कुमार उर्फ ​​करू और नालंदा के छबीलापुर का परमजीत सिंह उर्फ ​​बिट्टू शामिल हैं.