Neha Murder Case: कर्नाटक के हुबली में मारी गई नेहा हिरेमथ के पिता निरंजन हिरेमथ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस मामले को "डायवर्ट" करने की कोशिश कर रही है. निरंजन हिरेमथ हुबली-धारवाड़ नगर निगम के कांग्रेस पार्षद हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कथित "लापरवाही" का आरोप लगाते हुए पुलिस आयुक्त के ट्रांसफर की मांग की थी. 


निरंजन हिरेमथ ने क्या कहा?


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रविवार को निरंजन हिरेमथ ने कहा,"मैंने खुले तौर पर आठ लोगों के नाम दिए हैं. उन्होंने एक भी व्यक्ति को नहीं पकड़ा है. मैं अब विश्वास खो रहा हूं. वे मेरे मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो इसे सीबीआई को दे दें. इस मामले में आयुक्त हैं एक महिला, फिर भी वह एक लड़की की हत्या को गंभीरता से नहीं ले रही हैं... वह किसी दबाव में काम कर रही है. मेरी मांग है कि मामले में लापरवाही के लिए कमिश्नर का तबादला किया जाना चाहिए.''


बीजेपी ने बोला हमला


निरंजन हिरेमथ की नाराजगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर "हत्यारों" पर "नरम और धीमा" होने का आरोप लगाया है. अमित मालवीय ने लिखा,"किसी भी कांग्रेस नेता ने मृत नेहा हिरेमठ के पिता निरंजन हिरेमथ से मुलाकात नहीं की, जिसकी फयाज ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी. असहाय पिता अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर अपनी बेटी के हत्यारों के प्रति नरम और धीमा रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं. जैसे कि बेटी की हत्या ही काफी नहीं थी, परिवार को कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति से भी निपटना होगा. क्या नेहा को कभी न्याय मिलेगा?”


बीजेपी बता रही है लव जिहाद


कर्नाटक कॉलेज की छात्रा नेहा हिरेमथ की उसके पूर्व सहपाठी फयाज खोंडुनायक के जरिए हत्या से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है, भाजपा ने इसे "लव जिहाद" का मामला बताया है, जबकि कांग्रेस ने आरोप से इनकार किया है. आरोपी फ़ैयाज़ को मौत की सज़ा की मांग को लेकर पूरे कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन हो रहा है.


भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर पर नेहा हिरेमथ की हत्या की जांच को "प्रभावित करने और कमजोर करने" का आरोप लगाया. 18 अप्रैल को बीवीबी कॉलेज के परिसर में फयाज ने नेहा की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. जेपी नड्डा ने कहा, “सिद्धारमैया और परमेश्वर के बयानों को देखें. कोई इसे सामान्य घटना बता रहा है तो कोई इसे हादसा बता रहा है. आप जांच को प्रभावित और कमजोर करना चाहते हैं. आपकी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आपके पास कुछ भी कहने का साहस नहीं है."