अजमेरः महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में रविवार को 'अजीम मोहम्मद’ पुस्तक का विमोचन किया गया. यह पुस्तक उत्तर प्रदेश के वसीम रिजवी जो अब अपना मजहब बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं, उनके द्वारा लिखी विवादास्पद पुस्तक ’मोहम्मद’ के जवाब में लिखी गई है. उल्लेखनीय है कि वसीम रिजवी की इस किताब के आने के बाद मुस्लिम समुदाय में काफी नाराजगी और आक्रोश था. वसीम रिजवी पर इस्लाम धर्म के मानने वालो की आस्था पर चोट पहुंचाने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है. 

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एक साथ उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में यह पुस्तक प्रकाशित की गई है
इस पुस्तक को जामिया कादरिया अशरफिया मुंबई के मौलाना इब्राहिम आसी ने  लिखा है.उन्होंने त्यागी द्वारा उठाएं सवालों का तध्यों और तर्कों के साथ जवाब दिया है. इस पुस्तक को तहफ्फुज ए नामूस रिसालत बोर्ड मुंबई ने प्रकाशित किया है.उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी में यह पुस्तक प्रकाशित की गई है. इस पुस्तक का मकसद वसीम रिजवी की किताब सहित मोहम्मद साहब और उनके जीवन को लेकर पैदा हुए तामम भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश करना है. 

कार्यक्रम की शुरुआत कुरान शरीफ की तिलावत से हुई
अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद मोइन हुसैन चिश्ती, सदर ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी, जिलानीय अंजुमन  सचिव सैयद वाहिद हुसैन, अंगाराशाह तहफ्फुज ए नामूस रिसालत बोर्ड मुंबई के संस्थापक मौलाना सईद नूरी, काजी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फजले हक अंजुमन सैयदजादगान के संयुक्त सचिव सैयद मुसब्बिर हुसैन चिश्ती, सदस्य सैयद आला बदर चिश्ती सहित विभिन्न गणमान्य लोग इस मौके पर मौजूद थे. जोहर की नमाज के बाद दरगाह की अहाता ए नूर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत कुरान शरीफ की तिलावत से हुई सैयद फुजैल चिश्ती ने नात शरीफ का नजराना पेश किया. मोईन हुसैन ने दुआ की और सलातो सलाम पेश किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या मे खुद्दाम और जायरीन मौजूद थे. 


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