Noida News: ढाका से नोएडा अपने पति की तलाश में पहुंची सानिया अख्तर का मामला उलझता जा रहा है. एक तरफ जहां सानिया सौरभकांत तिवारी से निकाह होने के सबूत दिखा रही हैं. वहीं सौरभकांत तिवारी का कहना है कि उन्हें पहले हनी ट्रैप में फंसाया गया और फिर जबरन मजहब बदलवाकर निकाह कराया गया है. पुलिस दोनों पक्षों की तरफ से जानकारी और सबूत इकट्ठा कर रही है, जिससे आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके.


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बांग्लादेश से आई सानिया अख्तर का अब नया ठिकाना नोएडा के सेक्टर 62 में मौजूद सखी वन स्टॉप सेंटर है, जहां पुलिस ने उसे अपने प्रोटेक्शन में रखा है. वहीं सानिया की वकील का कहना है कि सानिया अपने बच्चों को लेकर बहुत परेशान हैं. क्योंकि उसकी तबीयत खराब है. 


सानिया ने कहा कि सौरव कांत तिवारी उनके साथ खेल खेल रहे हैं. मैंने कोई हनी ट्रैप नहीं किया है और न ही कोई मांग की है. वह सिर्फ अपने पति और बच्चे के पिता को लेने आई है.


इस मामले में सौरभकांत तिवारी ने भी अपना पक्ष रखा और कहा, "जब बांग्लादेश की एक पावर कंपनी में DGM के पद पर तैनात थे. तब फरवरी 2021 में सानिया  किसी काम से उनसे मिलने आई और नौकरी के बहाने नजदीकियां बढ़ाई. इस बीच दोनों करीब आए. किसी दौरान सानिया  ने उनके आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बना लिए और उसके परिवार वालों ने दबाव डाला कि अगर उसने इस्लाम धर्म कबूल कर सानिया से शादी नहीं की तो वह उसे रेप के केस में जेल भिजवा देंगे. अप्रैल में दबाव और मारपीट कर उनसे जबरन निकाह कराया गया. उनसे ₹5 लाख रुपए और 50 लाख का फ्लैट बांग्लादेश में खरीदवाया गया".


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उन्होंने आगे कहा, सौरभ का कहना है कि उनके पूजा के समान बाहर फेंक दिया गया और नमाज पढ़ने के लिए दबाव बनाया जाता था. लगातार मारपीट की जाती थी, जब सानिया  और परिवार ने एक करोड़ की मांग की तो उन्हें लगा कि पानी सर से ऊपर होने लगा है. तो उन्होंने बांग्लादेश में तलाक का मुकदमा दायर किया है. जिसकी सुनवाई चल रही है. सौरभ का यह भी कहना है कि सानिया  को भारत में इनकी पहली वाइफ और बच्चों के बारे में पता था. इस बीच उनकी नौकरी चली जाने के बाद भी सानिया को सब कुछ बता कर भारत लौटे थे. लेकिन अब उनकी फोटोग्राफ और वीडियो के जरिए उनको ब्लैकमेल किया जा रहा है".


"उन्होंने कहा कि उन्हें फंसाया गया और साथ ही टॉर्चर किया गया जिसकी वजह से पूरा परिवार ट्रॅामा की स्थिति से गुजर रहा है. उन्होंने अपनी बात हर अधिकारी के लेबल पर पूरे प्रूफ के साथ रखी, पर पुलिस प्रशासन उलटे उन पर ही सानिया को रखने की व्यवस्था करने का दबाव बना रहे हैं. सौरभ का कहना है कि सानिया जब आई है मुझे लगातार डीफेम करने की कोशिश कर रही है. पहले भी सानिया  मई के महीने में भी आई थी. उस समय पुलिस ने कहा था कि आप एम्बेसी के थ्रू आइए. लेकिन अब भी डायरेक्ट आई है,  वकील के साथ. मेरा कहना है झूठी बात का सहयोग न करो, दोनों पक्ष को सुनो. जब मै बार-बार कह रहा हूं कि मेरा मामला बांग्लादेश अदालत में विचाराधीन है. मेरी बात प्रशासन तो सुने, लेकिन प्रशासन सानिया भारत रहने के लिए व्यवस्था करने का दबाव डाल रहा है और कह रहा है कि ये अगर मर जायेगी तो आप जेल में चले जायेंगे".