भारत में कोरोना का कहर अभी काम नहीं हुआ है. इसके नए मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना का नया वैरिएंट जेएन वन भारत के कई हिस्सों में भी संक्रमण फैला रहा है. इस बीच कोरोना को लेकर सबसे नई रिसर्च ने सभी को चौंका दिया. बता दें कोरोना संक्रमण गले को भी संक्रमित करता है. इससे गले की आवाज तक जा सकती है. एक रिसर्च में ये बात सामने आई है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे मौत के मामले और अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई, जितनी डेल्टा वैरिएंट के समय पर थी. लेकिन इस बार कोरोना को लेकर स्वाद और गंध बल्कि गले को भी बेहद नुकसान हो सकता है. एक केस में 15 साल की एक लड़की ने कोरोना वायरस के चलते अपनी आवाज गंवा दी.


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कोरोना गले को करता है संक्रमित
जनरल पेडियाट्रिक में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है. जिसमें ये मालूम हुआ है, कोरोना संक्रमण गले को भी संक्रमित करता है. जिसमें गले की आवाज तक जा सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है, इसे वोकल कॉर्ड पैरालिसिस कहा जाता है. जिसमें अपकी वोकल हिस्से प्रभावित होते हैं. ये संक्रमण धीरे-धीरे आपकी बोलने की क्षमता खो देते हैं, यह बेहद खतरनाक है.


बरतें सावधानी
जीएनसीटीडी मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवंबर-2023 के दौरान चीन में बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन रोगों के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, 30 नवंबर को श्वसन चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक बैठक बुलाई थी. जिसमें आरटी पीसीआर द्वारा निमोनिया के गंभीर मामलों के परीक्षण किए गए. 13 दिसंबर से 17 दिसंबर तक सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी. वहीं केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा के कुछ हिस्सों में इस नए संक्रमण ने तेजी से लोगों को बीमार किया है. डॉक्टरों का कहना है लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन इसे लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा, पहले से बीमार लोगों और बुजुर्गों को ध्यान अधिक रखना होगा. वहीं, बच्चों को हाथ साफ करने, मास्क लगाने का काम करना चाहिए. भीड़ वाले इलाकों में जाएं तो मास्क पहनें. अगर किसी को लक्षण दिखाई दें तो वे भी मास्क लगाएं और दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखें.