NIA Raids in Jammu Kashmir: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग मामले में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी जम्मू-कश्मीर में की गई है. इस रेड में NIA ने 20 लाख रुपये जब्त किया है. आतंकवाद विरोधी एजेंसी की टीमों ने श्रीनगर में पांच स्थानों, बडगाम में तीन, कुलगाम में दो, जम्मू में चार और केंद्र शासित प्रदेश के अनंतनाग जिलों में एक स्थान पर विभिन्न संदिग्धों के परिसरों पर छापा मारा है.


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छापेमारी के बाद NIA ने कहा कि रेड में जम्मू-कश्मीर में जेईआई औऱ उससे संबंधित ट्रस्टों की गतिविधियों से जुड़े आपत्तिजनक दास्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, इसके साथ ही 20 लाख रुपये से ज्यादा नकदी भी बरामद की गई है. 5 फरवरी, 2021 को दर्ज किए गए मामले में एनआईए की जांच से अब तक पता चला है कि जेईआई और उसके सदस्यों ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत संगठन पर बैन लगाए जाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखा है. NIA आगे कहा कि प्रतिबंधित संगठन के संचालक भारत और विदेशों से दान के माध्यम से धन इकट्ठा कर रहे थे.


एनाईए ने क्या कहा?
एनआईए के मुताबिक, धन मुख्य रूप से जकात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में एकत्र किया गया था, जिसका उद्देश्य दान और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दूसरे कल्याणकारी गतिविधियों को बढ़ावा देना था, लेकिन इसके बजाय इसका इस्तेमाल हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था. आगे यह पाया गया कि जेईआई के जरिए जुटाए गए धन को जेईआई कैडरों के सुसंगठित नेटवर्क के माध्यम से दूसरे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, जैसे हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आदि को भी भेजा जा रहा था. 


NIA का जांच है जारी
एनआईए ने अपनी जांच का हवाला देते हुए खुलासा किया, जेईआई अपनी नापाक और अलगाववादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में प्रभावशाली युवाओं को प्रेरित करने और नए सदस्यों (रुकुन्स) की भर्ती करने में भी लगा हुआ था. एनआईए ने पहले मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें जांच जारी है.