New Pension Scheme: मुल्क में पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम को लेकर बवाल जारी है. अपोजीशन पार्टीज पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कर रही हैं, वहीं केंद्र सरकार इसके खिलाफ दिखाई पड़ रही है. हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रस ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही है. अब शुक्रवार के दिन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेंशन संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए एक नई समीति गठित करने का प्रस्ताव रखा है. निर्मला सीतारण ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी.


इस कमेटी का क्या काम होगा?


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आपको जानकारी के लिए बता दें इस नई कमेटी का काम नई पेंशन स्कीम को रिव्यू करना होगा. कई जानकारों का मानना है कि सरकार विपक्ष के जरिए लागू की गई पुरानी पेंशन स्कीम से घबराई हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में नई पेंशन स्कीम में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं.


नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम में क्या अंतर है?


आपको जानकारी के लिए बता दें पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को वेतन की आधी राशी पेंशन के तौर पर देने का नियम है. इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के सैलरी से पेंशन का कोई पैसा भी नहीं कटता है. इसी को लेकर विपक्ष केंद्र का विरोध करता है. पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया. जिसके बाद अब कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में ऐसा करनी वाली है.


नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसद कटौती की जाती है. इतना ही सरकार भी देती है. कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसे ये पेंशन मिलती है. नई पेंशन योजना बाजार के अनुसार है और इसका भुगतान शेयर बाजार के अनुसार किया जाता है. यानी कर्मचारी को मिलने वाला फंड कम या ज्यादा भी हो सकता है.