6 Airbags Rule: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को बताया कि सरकार यात्री कारों में छह एयरबैग अनिवार्य नहीं करेगी. सरकार ने पिछले साल यात्री वाहनों में छह एयरबैग अक्टूबर, 2023 से अनिवार्य करने की तजवीज रखी थी. यह सुरक्षात्मक कदम सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए उठाया गया था। हालांकि, वाहन कंपनियां इसके अनुपालन को जरूरी किए जाने के हक में नहीं थीं. उनका कहना था कि छह एयरबैग को अनिवार्य करने से खासकर छोटी कारों की लागत बढ़ जाएगी. गडकरी ने यहां एक प्रोग्राम में शिरकत करते हुए एयरबैग पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा, हम कारों के लिए छह एयरबैग का नियम अनिवार्य नहीं बनाना चाहते हैं.


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मुसाफिरों की हिफाजत करता है एयरबैग
एयरबैग किसी हादसे की हालत में यात्री को वाहन के ठोस हिस्सों से सीधी टक्कर से बचाने में अहम भूमिका निभाता है. हादसे की स्थिति में यह गुब्बारे की तरह खुलकर यात्री को सीधी टक्कर से रोकता है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि मोटर वाहनों को मुसाफिरों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने को सुरक्षा खासियतों को बढ़ाने का फैसला किया गया है. इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन भी किए गए. कारों की अगली दोनों सीट के लिए एयरबैग को एक अप्रैल, 2021 से ही जरूरी करार दिया जा चुका है.



चोट लगने की गंभीरता को कम करता है
बता दें कि सेफ्टी के लिहाज से कार में एयरबैग बहुत जरूरी होते हैं. एयरबैग कॉटन का बना होता है, जिस पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है. एयरबैग को फुलाने के लिए सोडियम एजाइड गैस का प्रयोग किया जाता है. जैसे ही किसी कार का एक्सीडेंट होता है, वैसे ही एयरबैग खुल जाते हैं और यात्रियों की हिफाजत करते हैं. यह चोट लगने की गंभीरता को कम कर देते हैं.


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