Darbhanga AIIMS: बिहार के सीएम नीतीश कुमार के जरिए सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान नेताओं के पैर छूने की हरकतें लोगों में चर्चा का विषय बन गई है. खास तौर पर 13 नवंबर को दरभंगा में एम्स के शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया था. जहां पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेता पहुंचे थे. इस बीच नीतीश कुमार पीएम मोदी के पास पहुंचे और उनके पैर छूने की कोशिश की.  हालांकि, पीएम मोदी ने उन्हें तुरंत रोक दिया और अपने पास बैठने के लिए आमंत्रित किया. इससे पहले भी नीतीश कुमार मोदी के पैर छू चुके हैं.


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इस बातचीत ने काफी ध्यान आकर्षित किया और कई लोगों ने नीतीश कुमार के विनम्र और सम्मानजनक रवैये को देखा. यह कार्यक्रम बिहार के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि पीएम मोदी ने दरभंगा के शोभन बाईपास पर स्थित राज्य के दूसरे एम्स की नींव रखी. 



दरभंगा बाईपास स्टेशन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने दरभंगा बाईपास स्टेशन और झंझारपुर से लौकहा रेलवे लाइन का भी उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. मंच पर मौजूद लोगों में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान शामिल थे, जिनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे.


नीतीश कुमार के पैर छूने की आदत है पुरानी 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेताओं के पैर छूने की आदत ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर कई नेताओं के प्रति सम्मान का यह भाव प्रदर्शित किया है. हाल ही में, 3 नवंबर को पटना में चित्रगुप्त पूजा समारोह में मुख्य अतिथि नीतीश कुमार ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा का पैर छूआ था. सिन्हा चित्रगुप्त मंदिर के जीर्णोद्धार और उसकी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने में नीतीश कुमार की कोशिशों की सराहना कर रहे थे, तभी नीतीश कुमार मंच पर चढ़े और उनके पैर छू लिए.


नेपाल के मरीजों का भी होगा इलाज
दरभंगा में नया एम्स, पटना के बाद बिहार का दूसरा एम्स, राज्य के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने के लिए तैयार है. एचएससीसी (हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन) द्वारा प्रबंधित इस परियोजना को 36 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना है. यह उन्नत चिकित्सा सुविधा न सिर्फ उत्तर बिहार और सीमांचल क्षेत्र को बल्कि पड़ोसी नेपाल के मरीजों का भी इलाज होगा. एम्स परियोजना के साथ-साथ, पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण रेलवे और सड़क परियोजनाओं की भी नींव रखी, जिनसे उत्तर बिहार में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की उम्मीद है.