जामिया के IAS कोचिंग में अब OBC और EWS कोटा होगा लागू; महिला-अल्पसंख्यक का घाटा !
JMI News: RCA से हर साल करीब 30 से ज्यादा बच्चे UPSC का एग्जाम निकालते हैं. इस बीच RCA को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने RCA को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
JMI News: दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के RCA को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने आज यानी 6 मई को कहा JMI से कहा कि वह अपनी आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) में OBC (गैर-क्रीमी लेयर) श्रेणी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के स्टूडेंट को एडमिशन देने की गुजारिश वाली जनहित याचिका को एक प्रतिवेदन मानते हुए फैसला ले.
याचिकाकर्ता ने कहा, "RCA सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए एक मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम है और यह सिर्फ महिलाओं और अल्पसंख्यक या अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के सदस्यों को एडमिशन देता है, जबकि मनमाने ढंग से दूसरे वंचित श्रेणियों को छोड़ देता है. इस पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, "लॉ के स्टूडेंट सत्यम सिंह ने बिना किसी पूर्व प्रतिवेदन के सीधे कोर्ट का रुख किया और यूनिवर्सिटी से जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे को एक प्रतिवेदन मानते हुए फैसला लेने के लिए कहा.
कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने ने कहा, ‘‘यह अदालत प्रतिवादी नंबर 1 (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) को इसे एक प्रतिवेदन के तौर पर मानने और कानून के मुताबिक चार सप्ताह में फैसला लेने के निर्देश के साथ मौजूदा रिट याचिका का निस्तारण करती है.’’ सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, "OBC और EWS वर्ग के लोग भी पिछड़े हैं और उन्हें मुफ्त कोचिंग का लाभ दिया जाना चाहिए."कोर्ट ने कहा, ‘‘यह (कोचिंग सुविधा) उन्हें दें. ओबीसी और ईडब्ल्यूएस भी पिछड़े हैं.’’
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व सीनियर अधिवक्ता संजय पोद्दार और वकील आकाश वाजपेई और आयुष सक्सेना ने किया. याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि आरसीए की मौजूदा एडमिशन नीति मनमानी है और ओबीसी और ईडब्ल्यूएस स्टूडेंट्स के साथ भेदभाव करती है, जिनके पास सीमित वित्तीय साधन हैं और वे सिविल सेवा परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग के हकदार हैं.