Nuh Violence: हरियाणा के हिसार जिले के बास गांव में बुधवार को एक 'महापंचायत' का आयोजन किया गया. जिसमें सभी धर्मों, किसान संगठनों और खापों के लोगों ने समुदायों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने की बात कही है. नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के कुछ दिन बाद यह पहल की गई. जानकारी के लिए बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी.  


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नूंह हिंसा की आग हरियाणा के कई जिलों में फैल गई. गुरुग्राम में भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं देखी गई.  भारतीय किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले आयोजित इस महापंचायत में बड़ी संख्या में हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया. बैठक में पेश किये गए एक प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदू, मुस्लिम और सिख समेत सभी धर्मों के लोग मेवात क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए काम करेंगे.


प्रस्ताव के मुताबिक, "सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को गिरफ्तार करने को कहा गया है. समाज में दंगे भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण और वीडियो पोस्ट करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए."


महापंचायत के आयोजकों में शामिल और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सुरेश कोथ ने जोर देकर कहा, "हरियाणा की धरती का इस्तेमाल लोगों को जाति और धर्म के आधार पर विभाजित करने के लिए नहीं करने दिया जाएगा." 


जानकारी के लिए बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक रैली को लेकर झड़प हुई थी. इसके बाद यह मामला बढ़ दंगे के रूप में बदल गया. हिंसा नूंह से लेकर ग्रुरूग्राम तक फैल गई. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद हरियाणा के 3 जिलों जिसमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर शामिल हैं, की 50 पंचायतों ने मुस्लिम कारोबारियों के बहिष्कार के लिए लेटर जारी किया था.


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