Oommen Chandy Passed Away: केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी का निधन, जानें कैसा था उनका सियासी सफर?
Oommen Chandy Passed Away: केरल के पूर्व सीएम ओमेन चांडी का निधन हो गया है. वह दो बार केरल के सीएम रह चुके थे. आइये जानते हैं कौन थे ओमेन चांडी और कैसा था उनका सियासी सफर
Oommen Chandy Passed Away: कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व सीएम ओमेन चांडी का निधन हो गया है. इस बात की जानकारी उनके परिवार और कांग्रेस नेता के. सुधरकरण ने मंगलवार को दी है. उनकी मौत 79 साल की उम्र में हुई है. आपको जानकारी के लिए बता दें चांडी दो बार केरल के सीएम रह चुके थे. उनके बेटे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चांडी का निधन बेंगलुरू में हुआ है. वह अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखते हैं- 'अप्पा का निधन हो गया है.'
के. सुधारकरण ने दी जानकारी
के सुधरकरण ने ट्वीट किया- “उस राजा की कहानी जिसने 'प्रेम' की शक्ति से दुनिया पर विजय प्राप्त की, उसका मार्मिक अंत हुआ. आज, मैं एक दिग्गज के निधन से बहुत दुखी हूं. उन्होंने नगिनत व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित किया और उनकी विरासत हमेशा हमारी आत्माओं में गूंजती रहेगी. ज्ञात हो कि चांडी काफी वक्त से बीमार चल रहे थे. हाल ही में उनकी सेहत में सुधार आया था. वह बेंगलुरु में इलाज करा रहे थे.
केरल कांग्रेस ने किया ट्वीट
केरल कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- “हमारे सबसे प्रिय नेता और पूर्व सीएम श्री को विदाई देते हुए बेहद दुख हो रहा है. ओमन चांडी. केरल के सबसे लोकप्रिय और गतिशील नेताओं में से एक, चांडी सर को आबादी की सभी पीढ़ियों और वर्गों द्वारा प्यार किया जाता था. कांग्रेस परिवार को उनके नेतृत्व और ऊर्जा की कमी खलेगी.''
कौन थे ओमेन चांडी
ओमेन चांडी केरल कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार होते थे. वह दो बार 2004-06 और 2011-16 में राज्य के सीएम रह चुके हैं. उन्होंने अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत 1970 के असेंबली चुनाव को जीत कर की थी. उस वक्त वह मात्र 27 साल के थे. इसके बाद उन्होंने वहां से लगातार 11 चुनाव जीते. चांडी ने पिछले पांच दशकों में केवल अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र पुथुप्पल्ली का प्रतिनिधित्व किया था.
2022 में, वह 18,728 दिनों तक सदन में पुथुपल्ली का प्रतिनिधित्व करके राज्य विधानसभा के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सदस्य बन गए. उन्होंने केरल कांग्रेस (एम) के पूर्व सुप्रीमो दिवंगत केएम मणि के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. चांडी ने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान चार बार विभिन्न मंत्रिमंडलों में मंत्री और चार बार राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया है.