नए संसद भवन पर अशोक स्तंभ बनाने से विपक्ष नाराज; ओवैसी ने उठाए सवाल
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को नए संसद भवन की छत पर लगे विशाल अशोक स्तंभ के अनावरण को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और माकपा ने इस अनावरण पर सवाल खड़े किए हैं.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को नए संसद भवन की छत पर लगे विशाल अशोक स्तंभ के अनावरण को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और माकपा ने इस अनावरण पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि ओवैसी हमेशा परेशानी की मुद्रा में ही रहते हैं और आदतन ऐसे सवाल उठाते रहते हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया था. इस प्रोग्राम में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने वहां एक धार्मिक कार्यक्रम में भी भाग लिया था.
पीएम ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया हैः ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने नए संसद भवन की छत पर लगे विशाल अशोक स्तंभ के अनावरण की मजम्मत करते हुए ट्वीट कर कहा, संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में, प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था.ओवैसी ने आगे कहा, लोक सभा का स्पीकर लोक सभा का प्रतिनिधित्व करते हैं जो सरकार के मातहत नहीं है. मोदी ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.
यह कदम भारतीय संविधान का स्पष्ट उल्लंघनः माकपा
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम भारतीय संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है. संविधान में साफ तौर पर लोकतंत्र के तीन अंगों - कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अधिकार अलग-अलग वर्णित हैं. संविधान द्वारा तीन अंगों के बीच शक्तियों के बंटवारे को कार्यपालिका प्रमुख द्वारा ‘नष्ट’ किया जा रहा है.“ माकपा ने राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण के मौके पर आयोजित एक धार्मिक समारोह को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. यह हर किसी का प्रतीक है, न कि उनका, जिनकी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं. धर्म को राष्ट्रीय समारोहों से दूर रखें.“
कार्यक्रम से विपक्षी नेताओं को दूर क्यों रखाः राकंपा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मजीद मेमन ने सवाल किया कि सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने के लिए आयोजित कार्यक्रम से विपक्षी नेताओं को दूर क्यों रखा? राज्यसभा के पूर्व सदस्य मेमन ने कहा कि संसद भवन के प्रोग्राम में विपक्ष को नहीं बुलाना किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था की एक बड़ी खामी है. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण को लेकर कोई आपत्ति नहीं है और “यह उनका अधिकार है क्योंकि वह मुल्क के सबसे बड़े नेता हैं.“
ओवैसी को हर चीज से दिक्कत हैः भाजपा
ओवैसी की आलोचना पर तीखा पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी तो हमेशा परेशानी की मुद्रा में रहते हैं, उनको तो हर चीज से समस्या रहती है. त्रिवेदी ने कहा कि वे निरंतर नकारात्मक नजरिए से प्रेरित, अपनी मजलिस बनाए रखने और चलाए रखने के लिए सदा सर्वदा देश के राजनैतिक, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और वैधानिक मूल्यों पर हमला करते रहते हैं.
Zee Salaam