नई दिल्लीः अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष अली अनवर अंसारी ने इतवार को कहा है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को पिछड़े और दलित मुसलमानों की मांगों पर अपना रुख साफ करना चाहिए. अंसारी ने कहा कि विपक्षी दलों को ओबीसी और एससी श्रेणियों के तहत उनकी आरक्षण संबंधी मांग समेत पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों की मांगों पर अपना स्टैंड बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि समुदाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की हिमायत नहीं कर सकता है.

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पसमांदा मुसलमान जिंदगी भर गैर-भाजपा दलों को वोट देते रहे
अंसारी ने कहा, ‘‘पसमांदा मुसलमान जिंदगी भर गैर-भाजपा दलों को वोट देते रहे हैं, और यह वक्त उनके प्रतिनिधित्व की कमी, समुदाय के समक्ष मौजूद आर्थिक संकट और अत्याचारों पर उनसे जवाब मांगने का है.’’ महाज और समुदाय के कई दूसरे संगठनों ने इतवार को सभी क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस को एक पत्र लिखकर समुदाय के मुद्दों और मांगों, खासकर अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों के तहत आरक्षण पर उनका रुख जानना चाहा है. 

दलित मुसलमानों को एससी का दर्जा देने के लिए दबाव डालें
अंसारी ने कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा), जद (यू) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसी पार्टियों ने पसमांदा मुसलमानों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं दिया और उनके मुद्दों को अपनी राजनीति का कभी हिस्सा नहीं बनाया. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दल अपने भाषणों में पसमांदा और धर्मनिरपेक्षता शब्दों का इस्तेमाल करने से बचते हैं. हम चाहते हैं कि विपक्षी दल एक रूख लें और सरकार पर दलित ईसाइयों और दलित मुसलमानों को एससी का दर्जा देने के लिए दबाव डालें.’’ 

हमेशा सांप्रदायिकता के खिलाफ रहे हैं
अंसारी ने कहा कि वे किसी भी पार्टी के लिए सिर्फ एक वोट बैंक नहीं हैं, और हमेशा सांप्रदायिकता के खिलाफ रहे हैं. अंसारी ने कहा कि समुदाय भाजपा और एआईएमआईएम जैसी अन्य विभाजनकारी ताकतों की कभी हिमायत नहीं करेगा. गौरतलब है कि हैदराबाद में हाल में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुस्लिम समुदाय के बीच पहुंचने की अपील की थी.
 


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