असम में 11 विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साझा रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक की. राजनीतिक दलों की यह बैठक मंगलवार रात तेजपुर में हुई. हालांकि, बदरुद्दीन अजमल की पार्टी, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) को उस गठबंधन से बाहर रखा गया.


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एक साथ आएंगे सभी दल


असम जातीय परिषद के प्रमुख लुरिनज्योति गोगोई ने कहा, हमारी बैठक लाभदायक रही. राज्य में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो सका था. इस बार हमने जल्दी तैयारी शुरू कर दी है और उम्मीद है कि 2024 में BJP के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार उतारे जाएंगे.


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AIUDF पर बरसे गोगोई


AIUDF को विपक्ष की बैठक से बाहर रखने पर गोगोई ने आरोप लगाया कि बदरुद्दीन अजमल भाजपा के एजेंट के तौर पर काम करते रहे हैं. गोगोई के मुताबिक, AIUDF असम में सांप्रदायिक राजनीति कर रही है, जो असल में भाजपा की मदद कर रही है. शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई ने कहा, देश के संविधान को बचाने के लिए, 2024 में भाजपा की हार जरूरी है. 11 विपक्षी दलों ने बैठक में हिस्सा लिया. हम आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ आने के लिए भी बात करेंगे. लेकिन चूंकि AIUDF एक सांप्रदायिक पार्टी है, इसलिए हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे. गोगोई ने आगे कहा कि हालांकि अगले साल के लोकसभा चुनाव प्राथमिक लक्ष्य हैं, लेकिन असम में 2026 के विधानसभा चुनाव तक गठबंधन जारी रहेगा. 


विपक्ष कर रहा AIUDF का बॉयकॉट


असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि एकजुट विपक्ष नहीं चाहता कि AIUDF उनके पाले में आए. आगे कहा, हमने अपने फैसले से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है. बदरुद्दीन अजमल को विपक्ष का मनोबल खराब नहीं करने दिया जाएगा. इस बीच, सीटों के बंटवारे पर विपक्षी नेताओं ने कहा कि किसी उचित फॉमूर्ले पर पहुंचने के लिए चर्चा चल रही है, लेकिन मुख्य फोकस चुनाव जीतने पर रहेगा.


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