नई दिल्लीः दिल्ली में अतिक्रमण रोधी मुहिम के तहत मंदिर का हिस्सा तोड़े जाने के बाद इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया है. हिंदूवादी संगठनों ने दिल्ली के उपराज्यपाल का के इस फैसले का विरोध किया है. आम आदमी पार्टी (आप) ने भी गुरुवार को अतिक्रमण मुहिम का आदेश देने वाले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधा. इससे पहले दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन मंदिरों को तोड़ने पर रोक लगा दिया था. सिसोदिया ने किसी भी विध्वंस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उपराज्यपाल ने उनके फैसले को खारिज कर दिया और दिल्ली में 10 मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दे दिया है. यह घटना आप और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान में बदल गई है.  

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अल्लाह कॉलोनी भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात 
पूर्वी दिल्ली के मंडवाली के अल्लाह कॉलोनी के पास गुरुवार को हनुमान मंदिर की रेलिंग तोड़ने आए एसडीएम और दिल्ली पुलिस को बीजेपी के निगम पार्षदों ने रोका दिया और मंदिर के अंदर महिलाएं धरना प्रदशन करने लगी. निगम पार्षद रवि नेगी ने कहा कि यह मंदिर काफ़ी पुराना है और इसके स्टील के रेलिंग को तोड़ना नहीं चाहिये. उन लोगों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारे बाज़ी और जय श्री राम के नारे लगाए. उधर हंगामा देख पूरे सड़क को बंद करा दिया गया, और मौके पर भारी बल पुलिस को तैनात कर दिया गया है. 


आप और भाजपा एक दूसरे का ठहरा रहे जिम्मेदार 
दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने मंडावली इलाके में एक मंदिर के एक हिस्से को हटाए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की की. आतिशी के मुताबिक,, तत्कालीन मंत्री मनीष सिसोदिया की अस्वीकृति के बावजूद एलजी के आदेश पर कार्रवाई की गई है. आतिशी ने उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा, "सिसोदिया ने निर्देश दिया था कि दिल्ली में कोई भी धार्मिक स्थल नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन उपराज्यपाल एक राजा की तरह अहंकार के साथ दिल्ली पर शासन कर रहे हैं.’’ आप विधायक नरेश बालियान ने ट्वीट किया, "दिल्ली में उपराज्यपाल ने 11 मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया है.’’ 


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