Akbaruddin Owaisi Birthday: अकबरुद्दीन ओवैसी को कौन नहीं जानता...14 जून 1970 को ओवैसी परिवार में पैदा हुए अकबरुद्दीन ओवैसी का आज जन्मदिन है.  AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी  का 2012 का वो 15 मिनट वाला बयान तो आपको याद ही होगा. जिसको लेकर अकबरुद्दीन ओवैसी विवादों में घिर गए थे, और क़रीब 10 साल चली अदालती कार्यवाही के बाद, 10 अप्रैल 2022 को सुबूतों की कमी पाये जाने पर अकबरुद्दीन ओवैसी को बड़ी राहत दी और हेट स्पीच के दो मामलों में  बरी कर दिया गया. इस दौरान हैदराबाद के नामपल्ली मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने AIMIM के रुक्ने असेंबली अकबरुद्दीन ओवैसी को आईंदा ऐसे बयान से परहेज़ करने की हिदायत भी दी. कोर्ट ने कहा कि मुल्क की यकजहती का ख्याल रखते हुए अपनी ज़ुबान पर काबू रखना जरूरी है. ये दोनों मामले निरमल और निजामाबाद जिले से जुड़े हुए थे. इस मामले में सीआईडी ने 2016 में चार्जशीट फाइल की थी. लिहाज़ा निज़ामाबाद मामले में 41 और निरमल मामले में 33 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. कुल मिलाकर 74 गवाह पेश किए गए. और आखिरकार अदालत ने गवाहों औऱ सबूतों को नाकाफी बताया.और अकबरुद्दीन ओवैसी को हेट स्पीच मामले में बरी कर दिया.


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जब ओवैसी के घर पर आ गया था भूचाल:
बात साल 1995 की है जब अकबरुद्दीन ओवेसी के एक फैसले से उनके घर में भूचाल आ गया था. दरअसल टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अकबरुद्दीन ओवैसी ने सबीना नाम की एक ईसाई लड़की से शादी करने की बात जब अपने घर में रखी, तो उनके वालिद बेहद नाराज़ हो गए. क्योकि वो चाहते थे कि अकबरुद्दीन किसी मुस्लिम लड़की से शादी करें. लेकिन उन्होंने परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर एक ईसाई लड़की से शादी कर ली थी. इन दोनों के दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की. टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, सबीना और अकबरुद्दीन की शादी की बात से उनके वालिद इस क़दर नाराज़ हुए कि , उन्होंने अकबरुद्दीन ओवौसी से बात तक करना बंद कर दिया था. शादी के बाद सबीना ने अपना नाम बदलकर ‘सबीना फरज़ाना’ रखा लिया.  फिर कहीं जाकर, शादी  के 3 साल बाद  उनके वालिद का गुस्सा ठंडा हुआ. ये वो वक्त था जब  उनके वालिद की सेहत मुसलसल गिरती जा रही थी और वो अकबरुद्दीन से मिलना चाहते थे. लिहाज़ा इसके बाद वालिद की रज़ामंदी पर ही, उनको पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी दी गई. फिर साल 1999 में उन्होंने चंद्रयणगुट्टा से असेंबली चुनाव लड़ा और एक तरफा जीत हासिल कर असेंबली पहुंच गए.


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रीढ़ की हड्डी में फंसी है गोली? 
अब से तकरीबन 11 साल पहले 30 अप्रैल 2011 को अकबरुद्दीन ओवैसी पर गोली और चाकू से हमला हुआ था. ये हमला हैदराबाद के बरक्स इलाके में किया गया था. इस हमले में अकबरुद्दीन ओवैसी को तीन गोलियां लगीं थी और वो बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे. हालांकि ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उनके जिस्म से गोलियां निकालीं, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक गोली उनकी रीढ़ की हड्डी के पास ही फंसी रह गई थी. लिहाज़ा इस गोली की वजह से अकबरुद्दीन ओवैसी के जिस्म में आयरन नहीं बन पाता था. लेकिन ज़ी मीडिया के रिपोर्टर मीर मेहदी के मुताबिक इस बात की मेडिकल तौर पर कोई तस्दीक नहीं हो पाई.


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