Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक के AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी इसकी मुखालफत की है. ओवैसी का कहना है कि मैं इसके सपोर्ट में नहीं हूं. ओवैसी का कहना है कि इसमें मुस्लिम औरतों के बारे में बात नहीं की गई है. ओवैसी के मुताबिक मु्स्लिम औरतों की आबादी 7 फीसद है लेकिन इस लोकसभा में उनकी कयादत 0.7 फीसद भी नहीं है. ओवैसी के मुताबिक इसमें ओबीसी, मुस्लिम औरतों के बारे में बात नहीं की गई.


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ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम औरतों की आबादी 7 फीसद है, लेकिन लोकसभा में उनकी कयादत महज 0.7 फीसद ही है. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार सिर्फ सवर्ण औरतों को ही आगे बढ़ाना चाहती है. ओवैसी का कहना है कि मुस्लिम औरतें पढ़ी लिखी भी नहीं हैं, ऐसे में उन्हें रिजर्वेशन का फायदा मिलना चाहिए. ओवैसी ने एक डेटा पेश करते हुए कहा कि स्कूल से मुस्लिम औरतों का ड्रॉपआउट फीसद 19 फीसद है. जबकि दूसरी औरतों का 12 फीसद है.


ओवैसी के मुताबिक सरकार सवर्ण औरतों की कयादत बढ़ाना चाहती है. ओवैसी के मुताबिक एलेक्शन की हिस्ट्री में 690 औरतें ही संसद के लिए चुनी गई हैं. इसमें सिर्फ 25 औरतें हैं. यह मुस्लिम औरतों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. पहला उनके साथ मुस्लिम के तौर पर फिर दूसरे औरत के तौर पर.


ओवैसी का इल्जाम है कि यह बिल बड़े लोगों को एंट्री देने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि आप नहीं चाहते कि छोटे लोग संसद-विधानसभाओं में आ सकें. यह मुस्लिमों को सियासी तौर से किनारे करने की कोशिश है. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. ओवैसी ने कहा कि मैं ओबीसी बिरादरी से हूं, लेकिन उन्होंने उनके लिए क्या किया. यह उनका प्यार ओबीसी के लिए है.


असदूद्दीन ओवैसी के नेता ने कहा कि यह ऐंटी मुस्लिम बिल है. ओबीसी के खिलाफ है और सिर्फ ऊंची जात की औरतों को आगे बढ़ाने वाला है. आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इस बिल की मुखालफत की है. इससे पहले कई अपोजिशन पार्टियों ने महिला आरक्षण बिल का सपोर्ट किया.