Uniform Civil Code: गुजरात इलेक्शन से पहले गुजरात सरकार ने यूनिफार्म सिविल कोड  (UCC) लागू करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है. इस पर सियासत शुरू हो गई है. इस मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का रद्दे अमल सामने आया है. उन्होंने कहा कि "बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने और अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा उठा रही है."


सीएम की आख़िरी मीटिंग


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सनीचर को गुजरात कैबिनेट की मीटिंग हुई. इस दौरान यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए कमेटी बनाने की मंज़ूरी दे दी गई. गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल की यह आख़िरी कैबिनेट की मीटिंग हो सकती है. क्योंकि अगले हफ्ते गुजरात असेंबली इलेक्शन के लिए तारीख़ों का ऐलान हो सकता है.


ओवैसी ने क्या कहा?


एक रैली को ख़िताब करते हुए ओवैसी ने कहा कि "पीएम नरेंद्र मोदी की सदारत वाली सेंट्रल गवर्नमेंट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि यूनिफार्म सिविल कोड लागू करना सेंट्रल गवर्नमेंट का हक़ है, न कि स्टेट का." उन्होंने आगे कहा कि "क्या यह सच नहीं है कि बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि समान नागरिक संहिता स्वैच्छिक होनी चाहिए, अनिवार्य नहीं." 


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हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ा रहे मोदी


ओवैसी ने कहा कि "मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि हिंदू अविभाजित परिवार के तहत मुसलमानों और ईसाइयों को इनकम टैक्स छूट के फायदे से बाहर क्यों रखा गया है? क्या यह समानता के अधिकार के खिलाफ नहीं है?" ओवैसी का इल्ज़ाम है कि भाजपा सिर्फ हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इसलिए वह इस तरह के मुद्दे उठा रहे हैं. 


उधर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कहा है कि "संविधान के आर्टिकल 44 में साफ-साफ लिखा है यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है तो सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए. ऐसा बनाना चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रज़ामंदी हो, सभी तबक़ों को साथ लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड बनना चाहिए."


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