Shahi Eidgah Dispute: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर कोर्ट के ऑर्डर के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए इस मामलो को लेकर प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी का कहना है कि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद, मैंने कहा था कि यह संघ परिवार की शरारतों को बढ़ावा देगा.


शाही ईदगाह विवाद पर क्या बोले ओवैसी


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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सद्र असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद मैंने कहा था कि यह संघ की शरारतों को बढ़ावा देगा. अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के अंदर सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है. ये काम प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट के बावजूद हुआ है.



ओवैसी ने कहा ये तब भी है जब मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है. कृपया "देने और लेने" का प्रचार न करें जब एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता हो.


क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद?


आपको बता दें मथुरा की एक अदालत ने आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर सर्वे का हुक्म दिया है. ये हुक्म हिंदू सेना के दावे के बाद दिया गया है. कोर्ट इसमें अगली सुनवाई 20 जनवरी को करेगी.  दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की जस्टिस सोनिका वर्मा की अदालत में शाही ईदगाह की जमीन को लेकर दावा किया था.


क्या है दावा?


हिंदू सेना की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ईदगाह बनाई गई थी. इसके अलावा उन्होंने 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए रद्द किए जाने की मांग की है.


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