नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी अपनी निलंबित नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma ) को आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली से चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें इस बात पर कोई हैरत नहीं होगी. एक इंटरव्यू के दौरान ओवैसी ने नूपुर के खिलाफ भाजपा की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह यकीनी तौर पर भाजपा में वापस आएंगी और भाजपा के लिए दिल्ली से चुनाव लड़ेंगी. बीजेपी निश्चित तौर पर  उनका इस्तेमाल करेगी.
भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जून 2022 में एक समाचार चैनल पर एक बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब पर  टिप्पणी करने के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. शर्मा की टिप्पणी के बाद देशभर में भड़की हिंसा में कई लोग मारे गए थे. 

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'सर तन से जुदा’ के खिलाफ हूं मैं 
ओवैसी ने कहा, “राजस्थान के उदयपुर में सिर कलम करने जैसी घटनाओं की हमेशा निंदा की जानी चाहिए. मैं 'सर तन से जुदा’ जैसे नारों के खिलाफ हूं. मैं इसकी खुले तौर पर निंदा करता हूं. इस तरह के बयान से हिंसा भड़कती है और मैं हिंसा के खिलाफ हूं." हालांकि, ओवैसी ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कितने दिनों बाद शर्मा के बयानों पर प्रतिक्रिया दी थी. यह पहली बार नहीं था जब नूपुर शर्मा टेलीविजन चैनल पर विवादित बयान दी थी. उन्होंने पहले भी इस तरह की विवादित टिप्पणी की थी. हालांकि, ओवैसी ने यह भी कहा कि शर्मा के बयान के बाद उनके खिलाफ दी गई धमकियों के भी मैं खिलाफ हूं.

नूपुर शर्मा के सिर पर इनाम की भी निंदा करता हूं 
अपने विवादत बयान के बाद शर्मा ने माफी मांगते हुए ट्विटर से अपना पोस्ट हटा लिया था और कहा था कि उनका इरादा किसी को चोट पहुंचाना नहीं था. शर्मा की माफी पर प्रतिक्रिया देते हुए, ओवैसी ने कहा, “उन्होंने कब माफी मांगी? उन्होंने इससे इनकार किया लेकिन माफी नहीं मांगी. इसका कोई सुबूत नहीं है, लेकिन इसक बात एक वीडियो है, जहां उसने कहा कि अमित शाह ने कहा है कि 'हम आपके साथ हैं’. उसने दूसरे भाजपा नेताओं के भी नाम लिए थे.’’ ओवैसी ने कहा, “एक अंतरराष्ट्रीय समूह द्वारा नूपुर शर्मा के सिर पर इनाम रखा गया है, मैं इस इनाम की निंदा करता हूं.

नूपुर शर्मा के बयान से भड़की थी हिंसा 
2022 में एक टीवी चैनल के बहस के दौरान नूपुर शर्मा की टिप्पणियों के बाद देश और विदेश में उसकी आलोचना की गई थी.  उसके बयान ने दो समुदायों के बीच कई हिंसक घटनाओं को जन्म दे दिया था. बयान के बाद फैली हिंसा में महाराष्ट्र के उमेश कोल्हे नाम के एक दवा कारोबारी की हत्या कर दी गई थी. वहीं राजस्थान के जोधपुर में भी एक टेलर मास्टर की दो चरमपंथियों ने गला रेतक हत्या कर दी. इसके बाद हुई हिंसा और विरोध-प्रदर्शनों के कारण हुई पुलिस गोलीबारी में भी कई लोगों की जान चली गई थी.


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