Jharkhand Pakur Seat: कांग्रेस नेता आलमगीर आलम की बीवी की जीत, NDA का एकमात्र मुस्लिम उमीदवार हारे
Pakur Assembly Result 2024: मुस्लिम बहुल्य पाकुड़ विधानसभा सीट के लिए वोटों गिनती पूरी हो चुकी है. चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार निशात आलम ने AJSU प्रत्याशी को 86029 मतों से हार दिया है. निशात आलम को कुल 155827, अजहर इस्लाम को 69798 मत मिले. वहीं, 47039 वोट के साथ तीसरे नंबर समाजवादी पार्टी के अकील अख्तर रहे.
Pakur Assembly Result 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए वोटों कि गिनती जारी है. रुझानों में हेमंत सोरेन की अगुआई वाली 'इंडिया' गठबंधन लगातार दूसरी बार सरकार बनाती हुई दिख रही है. जेएमएम गठबंधन फिलहाल 49 सीटों पर आगे है. वहीं, एनडीए गठबंधन 30 सीटों पर आगे है. लेकिन, झारखंड में इस चुनाव में जिन हॉट सीटों की सबसे ज्यादा चर्चाएं हैं, उनमें पाकुड़ विधानसभा सीट सबसे ऊपर है. यहां से कांग्रेस ने मौजूदा दागी विधायक व मंत्री आलमगीर आलम का टिकट काटकर उनकी जगह पत्नी निशात आलम को मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी आजसू ( AJSU) ने अजहर इस्लाम को मैदान में उतारा है, जो झारखंड में NDA की तरफ इकलौते मुस्लिम कैंडिडेट भी हैं.
कांग्रेस-AJSU में टक्कर
मुस्लिम बहुल्य पाकुड़ विधानसभा सीट के लिए वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है. चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार निशात आलम ने AJSU प्रत्याशी को 86029 मतों से हरा दिया है. निशात आलम को कुल 155827, अजहर इस्लाम को 69798 मत मिले हैं. वहीं, 47039 वोट के साथ तीसरे नंबर समाजवादी पार्टी के अकील अख्तर रहे.
पिछले चुनाव में आलमगीर दर्ज की थी बड़ी जीत
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां से कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने बड़ी जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में उन्होंने 66 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी के प्रत्याशी बेदी प्रसाद गुप्ता को हराया था. आलगीर आलम को 129218 वोट मिले थे, जबकि बेदी प्रसाद गुप्ता को 63110 वोट हासिल हुए थे. लेकिन, इस बार यहां से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है.
दूसरे चरण में हुई थी वोटिंग
आखिरकार पाकुड़ सीट का नतीजा इंडिया गठबंधन के पक्ष में. राज्य की कुल 81 सीटों पर दो फेज में वोटिंग हुई थी. पहले 43 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था, जबकि 38 सीटों पर दूसरे फेज में 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. इसी फेज में पाकुड़ सीट पर भी वोटिंग हुई थी.
पाकुड़ सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर मुस्लिम और आदिवासी वोटर निर्णायक माने जाते हैं. इस सीट पर जिस भी उम्मीदवार को इन दोनों समुदाय के लोगों का वोट मिलता है, उसकी जीत पक्की हो जाती है. यह इलाका पश्चिम बंगाल की सीमा से सटी हुई है, यही कारण है कि बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान पर बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा पर वोटरों को साधने की खूब कोशिश की. लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिला.
2014 के विधानसभा चुनाव का जनादेश
2014 के विधानसभा चुनाव में भी आलमगीर आलम ने ही जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को कुल 83338 वोट मिले थे. वहीं, दूसरे पायदान पर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के अकील अख्तर 65272 वोट मिले थे.