Paris Olympoics 2024: ओलंपिक गेम्स में खेलना और पदक जीतना हर एथलीट का सपना होता है, लेकिन यह सपना सभी एथलीट पूरा नहीं कर पाते हैं. कुछ एथलीट ओलंपिक में जगह बनाने के लिए कोशिश करते रहते हैं तो कुछ को जल्द ही इसमें सफलता मिल जाती है.  इन्हीं में से कुछ ही ऐसे एथलीट भी होते हैं जो ओलंपिक में पहुंचते ही कमाल कर देते हैं. ऐसा ही कुछ खास रिकॉर्ड भारत की तरफ से इसबार पेरिस ओलंपिक में पहुंचने वाले इकलौते पुरुष पहलवान अमन सहरावत ने कर दिखाया है.


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अमन ने ओलंपकि में रचा इतिहास  
सिर्फ 21 साल 24 दिन के पहलवान अमन सहरावत  ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक (ब्रॉन्ज मेडल) जीत लिया है. इसके साथ ही ओलंपिक में अमन इंडिविजुअल मेडल जीतने वाले भारत के सबसे युवा एथलीट भी बन गए. विनेश फोगाट के डिस्क्वालीफाई होने के बाद अमन से भारत को पहलवानी में पदक की काफी उम्मीद थी,जिसे युवा पहलवान ने सही भी साबित कर दिया. लेकिन अमन को गोल्ड न जीतने का पछतावा भी है. बता दें, अमन फाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे, जिसके चलते उन्हें ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने अब परिपक्वता दिखाते हुए फाइनल में न पहुंचने की अपनी गलती भी बताई है.


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ब्रॉन्ज मेडल विजेता अमन से कहां हुई गलती?
अमन ने शुक्रवार 9 अगस्त को शानदार शुरुआत की. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुअर्तो रिको के एथलीट डारियन क्रूज को करारी शिकस्त दी. अमन ने क्रूज को इस मैच में 13-5 के अंतर से हराया. इसी के साथ पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए कुश्ती का पहला पदक जीता. इस ऐतिहासिक जीत के बाद अमन अपनी गलती भी मानी.


अमन ने ब्रॉडकास्टर जियो सिनेमा पर कहा, "सेमीफाइनल में हम थोड़ा कंफ्यूज हो गए थे और शुरुआत में ही ज्यादा पॉइंट्स दे दी, जो मेरे द्वारा बहुत बड़ी गलती है.  मुझे मैच  के दौरान एहसास हुआ कि बड़े मैचों में शुरुआत में ज्यादा पॉइंट्स देने के बाद वापसी कितनी मुश्किल है." गौरतलब है कि सेमीफाइनल में अमन को विश्व के नंबर-1 रेसलर जापान के रेइ हिगुची ने 10-0 से एकतरफा अंदाज में हरा दिया. हिगुची ने ही इस इवेंट का सोना जीता.