मुरादाबादः ट्रेन में यात्रा करते वक्त गैस सिलिंडर, पेट्रोल-डीजल, मिट्टी तेल, पटाखे या फिर कोई भी ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर जाना मना किया गया है. लेकिन कई बार लोग इस नियम को नजरअंदाज कर यात्रा करते वक्त विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थ अपने साथ ले जाते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो होशियार हो जाएं. ऐसे ही एक मामले में कोर्ट ने एक यात्री को 1 साल कैद की सजा सुनाया है.

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जमानत पर रिहा हो गया था आरोपी 
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की एक स्थानीय अदालत ने 2006 में एक ट्रेन में गैस सिलेंडर ले जाने के इल्जाम में एक शख्स को एक साल की कैद की सजा सुनाई है. यह आदेश रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज विनय जायसवाल ने दिया हे. कोर्ट ने कहा है कि आरोपी की हरकत से कई सहयात्रियों की जान को खतरा हो सकता था. अमरोहा के गजरौला रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस बल (ने आरोपी शेरू सिंह को सिलेंडर ले जाते हुए पकड़ा था. इसके बाद रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत मामला दर्ज किया गया और आरोपी को जेल भेज दिया गया, लेकिन वह जल्द ही जमानत पर रिहा हो गया था. 

कोर्ट ने जुर्माने के साथ सुनाई एक साल की सजा 
आरपीएफ का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सरकारी वकील शिव हरि अग्निहोत्री ने कहा कि किसी भी हालत में एक सार्वजनिक डिब्बे के अंदर गैस सिलेंडर की इजाजत नहीं दी जा सकती है. यह खतरनाक है और आरोपी के इस लापरवाही ने उसके सह-यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था. अग्निहोत्री ने कहा कि अब शेरू सिंह को अपराध के लिए 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक साल की कैद की सजा सुनाई गई है.

ये फैसला यात्रियों के लिए होगी एक सबक
रेलवे के वकील ने कहा कि यह फैसला उन यात्रियों के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करेगा जो ट्रेनों में ज्वलनशील सामान ले जाने और दूसरों की जान जोखिम में डालने का प्रयास करते हैं. अग्निहोत्री ने कहा कि आरोपी शेरू सिंह को जल्द फैसले के बारे में सूचित किया जाएगा. आरोपी शेरू सिंह कथित तौर पर दिल्ली में रह रहा है और फैसले के वक्त अदालत में मौजूद नहीं था.

इन वस्तुओं के साथ यात्रा करने पर सजा का प्रावधान 
गौरतलब है कि ट्रेन में सफर करते हुए कुछ सामानों को लाना और ले जाना प्रतिबंधित किया गया है. यात्रा के वक्त गैस सिलेंडर, स्टोव, कैमिकल, पटाखे, तेजाब, बदबूदार वस्तुओं के परिवहन पर रोक है. तेल, ग्रीस, घी जैसे तरल पदार्थों के परिवहन पर भी रेलवे ने प्रतिबंध लगा रखा है, ताकि ऐसे वस्तुओं के टूटने और गिरने से यात्रियों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे. प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ यात्रा करने पर 6 माह से 2 साल तक का सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है. 


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