UP News: खतरनाक नस्ल के कुत्तों का लोगों पर हमला करने का वीडियो जैसे-जैसे वायरल होता जा रहा है, वैसे वैसे लोग घर में पाले हुए अलग-अलग नस्ल के इन कुत्तों से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. बड़े-बड़े रईस लोग भी अपने घर में पाले हुए इन कुत्तों से रात के अंधेरे में पीछा छुड़ा रहे हैं. इनमें जर्मन शेफर्ड और पिटबुल नस्ल के कुत्तों की संख्या सबसे ज्यादा है. जबकि वह लोग नहीं जानते कि उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कारवाई हो सकती है.


कई लोगों को कुत्तों ने काटा


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दरअसल बीते दिनों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत अन्य इलाकों में काफी ऐसे वीडियो वायरल हुए जिनमें दिखाई दिया कि लिफ्ट हो, पार्क हो या फिर सड़क खतरनाक नस्ल के कुत्तों ने बच्चों, बुजुर्गों, डिलीवरी ब्वॉय समेत अन्य लोगों को अपना शिकार बनाया है.


कुत्तों के प्रति बढ़ रहा रोष


इन वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में इन खतरनाक नस्ल के कुत्तों के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है साथ ही साथ ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार, प्रशासन भी यह कोशिश कर रहा है कि जिन घरों में यह खतरनाक नस्ल के कुत्ते पाले जा रहे हैं उनके बारे में संबंधित विभाग को पूरी जानकारी हो. कुत्तों के वैक्सीनेशन उनके रजिस्ट्रेशन की भी पूरी जानकारी हो.
इसके लिए नियम कानून जो पहले से बनाए गए थे उन्हें अब सख्ती से पालन कराया जा रहा है.


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कुत्ते के मालिकों को अलग नजर से देखा जा रहा है


वायरल हुए कई वीडियो के बाद नोएडा और दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में रहने वाले लोगों में कुत्तों को लेकर दहशत हो गई है जहां एक तरफ ऐसी खतरनाक नस्ल के डॉग को लेकर खतरा बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ लोग अब जर्मन शेफर्ड और पिटबुल जैसे कुत्ते के मालिकों को अलग नजर से देख रहे हैं.


NGO को देना चाह रहे कुत्ते


नोएडा में खतरनाक नस्ल के माने जाने वाले 9 कुत्तों को पिछले 15 दिनों में चुपचाप उनके मालिक एक एनजीओ के बाहर छोड़ कर चले गए. नोएडा की हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स एनजीओ के पास पिछले 1 महीने में 200 से ज्यादा कॉल देशभर के अलग-अलग कोनों से आ चुके हैं. जो इन्हें अपने यहां पाले गए खतरनाक नस्ल के कुत्तों की देखभाल करने के लिए देना चाहते हैं.


लोग चुपके कुत्ते छोड़ गए


एनजीओ का कहना है कि वह इतने कुत्तों को एक साथ नहीं रख सकता क्योंकि उनके पास जगह नहीं है इसीलिए एनजीओ अपनी काउंसलिंग टीमें बनाकर लोगों को समझा रहा है और यह भी कह रहा है कि कुत्तों को अगर ठीक से देखभाल कर पाला जाए तो इस तरीके की घटनाएं नहीं होंगी. वहीं एनजीओ को शुरू करने वाले संजय मोहपात्रा का कहना है कि पिछले 15 दिनों में 9 कुत्तों को लोग रात के वक्त चुपचाप एनजीओ में बांधकर चले गए.


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