Statue Of Equality: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज हैदराबाद में ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ (Statue Of Equality) देश के नाम करेंगे. 216 फीट ऊंची यह प्रतिमा श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है. 


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11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत रामानुजाचार्य की यह प्रतिमा ‘पंचलोहा’ से बनी है. यह सोना, चांदी, लोहा, तांबा पीतल और जस्ते से बनी है. यह प्रतिमा भद्र वेदी नाम के एक भवन पर बनी है.


बताया जाता है कि जिस विल्डिंग पर यह प्रितमा पर बनी है उसमें वैदिक डिजिटल लाइब्रेरी और अनुसंधान केंद्र, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा है. ये सारी चीजें संत रामानुजाचार्य के कामों की डिटेल देती हैं. प्रधानमंत्री 108 दिव्य देशम के समान मनोरंजनों का भी दौरा करेंगे जो स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी के चारों तरफ बने हुए हैं.


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बताया जाता है कि रामानुजाचार्य ने देश और जाति पाति में फर्क किए बिना इंसान को बेहतर बनाने के लिए कोशिश की. स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी चिन्ना जीयर का सपना है कि 'दिव्य साकेतम' जल्द ही पूरी दुनिया में एक आध्यात्म केंद्र के तौर पर उभरेगा. इस मेगा प्रोजेक्ट पर 1000 करोड़ रुपए की लागत आई है. 


कौन हैं रामानुजाचार्य?
रामानुजाचार्य स्वामी की पैदाइश 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हुई थी. उनके माता का नाम कांतिमती और पिता का नाम केशवचार्युलु था. भक्तों का मानना है कि यह अवतार स्वयं भगवान आदिश ने लिया था.


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