G20 Summit में बोले पीएम मोदी- UN भी नहीं रोक पाया रूस-यूक्रेन जंग; G20 से दुनिया को उम्मीदें
Pm Modi Speech in G20: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 में कई अहम मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग, पॉवर सप्लाई समेत कई अहम मसलों पर अपनी बात रखी.
Pm Modi in G20 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 समिट में शिरकत के लिए इंडोनेशिया की राजधानी बाली पहुंचे. पीएम मोदी तक़रीबन 45 घंटे बाली में रहने वाले हैं और इस दौरान क़रीब 20 प्रोग्राम में शामिल होंगे. G-20 समिट के लिए बाली गए पीएम ने अपने इस दौरे के दौरान दुनिया भर के क़रीब 10 अलग-अलग नेताओं के साथ दोतरफा बातचीत करने वाले हैं. ख़बर ये भी मिल रही है कि पीएम इंडोनेशिया में भारतीयों को भी खिताब कर सकते हैं. वाज़े हो कि पीएम मोदी ने यहां अमेरिकी सद्र जो बाईडन से भी मुलाक़ात की जो काफ़ी अच्छी रही. साथ ही फ़्रांस के सद्र इमैनुएल मैक्रों से भी पीएम मोदी की मुलाक़ात हुई.
पीएम मोदी समिट के दौरान अपने खिताब में रूस-युक्रेन जंग पर फिक्र का इज़हार किया और कहा कि हमें यूक्रेन में जंग रोकने के लिए डिप्लोमेटिक स्तर पर काम करना होगा. पीएम ने आगे कहा कि क्लाइमेट चेंज, कोविड -19, यूक्रेन जंग और उससे जुड़ी अन्य अंतरराष्ट्रीय परेशानियां, इन सबने मिल कर दुनिया में तबाही मचा दी है. ग्लोबल सप्लाई चेन तहस-नहस हो गई है. पूरी दुनिया मे ज़रूरी चीजों की सप्लाइ का संकट बना हुआ है और हर देश के गरीब शहरियों के लिए चैलेंज और भी ज़्यादा परेशान कर देने वाला है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका हल दुनिया के पास नहीं है. हमें खाद और खाने की चीज़ों, दोनों की सप्लाई चेन को स्थिर और यक़ीनी बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए. इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जी-20 से दुनिया को बहुत उम्मीदे हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने यूरोपीय देशों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दुनिया की तरक़्की के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा अहम है, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था हैं. हमें ऊर्जा की सप्लाई पर किसी भी पाबंदी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता यक़ीनी की जानी चाहिए.
पीएम ने कहा कि पोस्ट-कोविड दौर के लिए एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तामीर करने का ज़िम्मा हमारे कंधों पर है. इस बात की शदीद ज़रुरत है कि हम दुनिया मे अम्न, भाइचारा और सिक्योरिटी यक़ीनी करने के लिए ठोस और मिलकर प्रतिबद्धता दिखाए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात को क़बूल करने से भी नहीं झिझकना चाहिए कि UN जैसी मल्टीलैटरल ऑर्गेनाईज़ेशन्स इन मुद्दों पर नाकाम रही हैं और हम सभी इनमें वाजिब रिफॉर्म करने में भी नाकाम रहे हैं. इसलिए आज जी-20 से दुनिया को ज़्यादा उम्मीदें है और हमारे ग्रुप की अहमियत और बढ़ी है.
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