प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी में केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के पिता का नाम; मचा बवाल
Minister father name in PMAY list: केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के पिता का नाम पीएमएवाई लिस्ट में आने के बाद बंगाल की सियासत में तूफान आ गया है, वहीं भाजपा ने इसे मंत्री के परिवार को बदनाम करने की साजिश बताया है.
कोलकाताः केंद्रीय राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक बार-बार विवादों में आ जाते हैं. उनपर सोने की दुकान में चोरी और उनके बांग्लादेशी नागरिक होने को लेकर पहले आरोप लग चुके हैं. अब नया विवाद उनके पिता बिधुभूषण प्रमाणिक का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत पात्र लाभार्थियों की लिस्ट में आने के बाद पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान मच गया है. दरअसल, यह योजना मूल रूप से उन लोगों के लिए है, जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं.
यह सवाल निशीथ प्रमाणिक से पूछना चाहिएः नगर पालिका सद्र
तृणमूल कांग्रेस द्वारा संचालित कूचबिहार नगर पालिका के सद्र रवींद्रनाथ घोष ने इल्जाम लगाया है कि कूचबिहार जिले में एक महलनुमा हवेली के मालिक होने के बावजूद, निशीथ प्रमाणिक के पिता का नाम पीएमएवाई योजना के तहत घर पाने के लिए पात्र लाभार्थियों की लिस्ट में शामिल है. घोष ने कहा, ’’ऐसा कैसे मुमकिन हो सकता है? भाजपा नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को यह सवाल निशीथ प्रमाणिक से पूछना चाहिए.’’
कूचबिहार संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं निशीथ प्रमाणिक
गौरतलब है कि निशीथ प्रमाणिक कूचबिहार संसदीय क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सदस्य हैं और केंद्र सरकार में इस वक्त मंत्री भी हैं. भाजपा के कूचबिहार जिला सद्र सुकुमार रॉय के मुताबिक, यह प्रमाणिक और उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश है. उन्होंने कहा, ’’जानबूझकर प्रामाणिक के पिता का नाम उन्हें बदनाम करने के लिए सूची में शामिल किया गया है. इस तरह का खेल पश्चिम बंगाल में हर जगह खेला जा रहा है. जानबूझकर हमारे कुछ नेताओं या उनके रिश्तेदारों के नाम मकान पाने वालों की सूची में डाले जा रहे हैं.
सिर्फ टीएमसी से जुड़े लोगों को मिल रहा मकान
सुकुमार रॉय ने टीएमसी पर ही इल्जाम लगाते हुए कहा है कि करोड़ों रुपए और कई घरों के मालिक तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पीएमएवाई योजना के तहत लाभार्थी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. उन्होंने कहा, ’’कई वास्तविक उम्मीदवारों को पीएमएवाई योजना के तहत नामांकित नहीं किया जा रहा है, क्योंकि वे या तो विपक्षी दलों से जुड़े हैं या किसी पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं. इस मामले में जांच शुरू होने के बाद से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की अनियमितताएं हर रोज सार्वजनिक हो रही हैं और बौखलाहट में वह भाजपा के लोगों को बदनाम कर रहे हैं.’’
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