Prajwal Revanna: ड्राइवर ने खोला पेन ड्राइव का काला सच, Dy CM का क्यों किया जिक्र?
Prajwal Revanna: हासन लोकसभा सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की अश्लील वीडियो मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. दरअसल, रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर ने कई चौकानें वाले खुलासे किए हैं. इस ड्राइवर ने मौजूदा सांसद का लगभग 15 साल तक गाड़ी चलाया. उसने कई बड़े खुलासे किए हैं.
Prajwal Revanna: कर्नाटक में हासन लोकसभा सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की अश्लील वीडियो मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. दरअसल, रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर ने कई चौकानें वाले खुलासे किए हैं. इस ड्राइवर ने मौजूदा सांसद का लगभग 15 साल तक गाड़ी चलाया. वह घर में परिवार के सदस्य के रूप में रहा है. जिसका नाम कार्तिक है. वहीं, कार्तिक ने दावा किया है, जिस पेन ड्राइव को लेकर को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वो पेन ड्राइव पहले उसके ही पास थी.
ड्राइवर ने किए कई खुलासे
रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर ने बताया, "मैंने मौजूदा सांसद रेवन्ना के साथ कई सालों तक काम किया. मेरे साथ हुई हिंसा, हमारी जमीन छिन जाने और मेरी बीवी पर हमले की वजह मैंने एक साल पहले अपनी नौकरी छोड़ दी थी. मैं हासन लोकसभा सीट से सांसद रेवन्ना पर केस करने और कानूनी लड़ने की तैयारी कर रहा था. इस बीच मेरी मुलाकात देवराज गौड़ा से हुई, जो कि खुद भी एक भाजपा लीडर है. गौड़ा से बातचीत आगे बढ़ी तो मैंने सांसद के बारे में उन्हें बताया. तब उन्होंने मुझे न्याय दिलाने का भरोसा दिया था. हालांकि, उन्होंने मेरा केस नहीं लड़ा, इसलिए मैंने मामले को दूसरे अधिवक्ता के सामने रखा."
डीके शिवकुमार को लेकर किया चौकाने वाला दावा
इस बीच सांसद के ड्राइवर कार्तिक ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को लेकर बड़ा दावा किया है. उसने दावा किया, "उसने अश्लील वीडियो वाली पेन ड्राइव कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दी थी." हालांकि, इस मामले में कांग्रेस लीडर की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.
खुद सांसद ने वीडियो का किया था जिक्र
सबसे हैरानी की बात ये है कि पहली बार वीडियो का जिक्र प्रज्वल रेवन्ना की तरफ से किया गया था. बीते साल 2023 के 1 जून को हासन सीट से मौजूदा सांसद प्रज्वल बेंगलुरु सिविल कोर्ट में कई मीडिया आउटलेट्स और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. सांसद ने इस मामले में मीडिया के खिलाफ गैंग ऑर्डर की मांग की थी. उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी, "वादी के खिलाफ ऐसी फेक न्यूज और फर्जी वीडियो प्रतिवादियों की तरफ से प्रसारित, प्रकाशित और सर्कुलेट किए जाने का खतरा है."