कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक के लिए मंगलवार को दिल्ली पहुंची हैं. राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त रणनीति तैयार करने के मकसद से बनर्जी ने 15 जून को बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं से शामिल होने की अपील की है. पिछले हफ्ते उन्होंने विपक्षी दलों के 22 नेताओं और मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस के भी शामिल होने की संभावना है. इस बीच खबर है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है.

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बैठक में ये नेता हो सकते हैं शामिल 
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला इस बैठक में पार्टी की जानिब से शामिल हो सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई यह बैठक दिल्ली स्थित कंस्टीट्यूशनल क्लब में होगी. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि यह बैठक कायमयाब रहेगी. ममता विपक्षी दलों के कुछ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं, लेकिन अभी कुछ तय नहीं है. ममता ने जिन 22 नेताओं को पत्र लिखा है उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल आदि शामिल हैं.


पवार ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने से किया इनकार 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वामपंथी नेताओं ने मंगलवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात की और उनसे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का संयुक्त उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया. हालांकि, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है.



ममता की बैठक से नाराज हैं माकपा और भाकपा नेता
राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी के फैसले से नाराज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने मंगलवार को कहा कि वे अपने सांसदों को यहां 15 जून को होने वाली विपक्ष की बैठक में भेजेंगे. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि टीएमसी प्रमुख द्वारा बुलाई गई बैठक में शीर्ष नेतृत्व शामिल नहीं होगा. दोनों वाम दलों ने इस तरह की बैठक बुलाने के बनर्जी के ‘‘एकतरफा’’ फैसले पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है.


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