Priyanka Gandhi MP Oath: केरल के वायनाड से लोकसभा उपचुनाव जीतने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेंगी इसके साथ ही वह संसद में अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के साथ शामिल होंगी. वायनाड और रायबरेली से जीत हासिल करने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट खाली कर दी थी, जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव हुआ. कांग्रेस ने यहां से उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौदान में उतारने का फैसला किया.


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प्रियंका गांधी ने सीपीआई (एम) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को हराकर 4,10,931 वोटों की भारी बढ़त के साथ वायनाड लोकसभा सीट जीती. इसी के साथ उन्होंने लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की जीत के अंतर को भी पीछे छोड़ दिया. यह पहला मौका है जब गांधी परिवार के तीन मेंबर एक साथ संसद में होंगे. इसके साथ ही वे संसद के किसी भी सदन में कम से कम एक परिवार के सदस्य वाले सांसदों की लिस्ट में भी शामिल हो जाएंगी. मां सोनिया गांधी रायबरेली से 2024 का आम चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. इसके बाद  वे राज्यसभा के लिए चुनी गईं. वायनाड के कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बुधवार को दिल्ली में प्रियंका गांधी को चुनाव प्रमाण पत्र सौंपा और शुभकामनाएं दीं.


'यह सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, प्यार और यकीन है'
पार्टी द्वारा जारी की गई तस्वीरों में राहुल गांधी अपनी बहन को सर्टिफिकेट मिलने के बाद मिठाई खिलाते नजर आ रहे हैं. वहीं, प्रियंका गांधी ने अपना निर्वाचन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद अपनी सराहना व्यक्त करते हुए इसे प्यार, यकीन और साझा मूल्यों का सर्टिफिकेट बताया.



प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर कहा, "मेरे लिए, यह सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं है, यह आपके प्यार, यकीन और उन मूल्यों का प्रतीक है जिनके लिए हम प्रतिबद्ध हैं.अपने लिए बेहतर भविष्य बनाने की इस यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए मुझे चुनने के लिए धन्यवाद वायनाड."


वसंतराव चव्हाण भी लेंगे शपथ 
2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान रायबरेली में सोनिया गांधी और अमेठी में राहुल गांधी के लिए प्रचार करने के 20 साल बाद प्रियंका गांधी ने सियासत में वायनाड से डेब्यू किया. प्रियंका गांधी के साथ-साथ रवींद्र वसंतराव चव्हाण भी शपथ लेंगे, पाटिल ने उपचुनाव में नांदेड़ लोकसभा सीट हासिल की, 5,86,788 वोटों के साथ सफल हुए. पूर्व कांग्रेस सांसद वसंतराव बलवंतराव चव्हाण के इंतकाल के कारण यहां उपचुनाव हुआ था.