नई दिल्लीः केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने होटल और रेस्तरां में खाने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. होटल और रेस्तरां अब ग्राहकों से खाने के बिल पर सर्विस जार्च नहीं ले सकेंगे. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सोमवार को होटल और रेस्टूरेंट को खाने के बिल में लगने वाला अनिवार्य सर्विस चार्ज जोड़ने पर रोक लगा दिया है. ग्राहक अब इस तरह के किसी उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे. बढ़ती शिकायतों के बीच सीसीपीए ने अनुचित व्यापार गतिविधियां और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. सीसीपीए  का गठन ग्राहक अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार गतिविधियों और गुमराह करने वाले विज्ञापनों से संबंधित मामलों के निपटान को लेकर उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत किया गया है.


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होटल सर्विस चार्ज के लिए ग्राहकों को मजबूर नहीं कर सकते 
दिशानिर्देश के मुताबिक, कोई भी होटल या रेस्टूरेंट बिल में अपने-आप सविर्स चार्ज नहीं जोड़ेंगे. साथ ही किसी दूसरे नाम से भी सर्विस चार्ज नहीं वसूला सकेंगे. इसमें कहा गया है कि कोई भी होटल या रेस्टूरेंट ग्राहकों को सेवा शुल्क देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. ग्राहक चाहे तो सर्विस चार्ज दे सकते हैं. यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता की मर्जी पर निर्भर करेगा. दिशानिर्देश के मुताबिक, उपभोक्ताओं पर सर्विस चार्ज के संग्रह की बुनियाद पर प्रवेश या सेवाओं को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. 

सर्विस चार्ज लेने पर ग्राहक यहां कर सकते हैं अपनी शिकायत 
इसके अलावा, सर्विस चार्ज को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल बिल पर जीएसटी लगाकर जमा नहीं किया जा सकता है. अगर कोई ग्राहक यह पाता है कि होटल या रेस्टूरेंट दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए सर्विस चार्ज वसूल रहे हैं, तो वह उससे इस बिल को हटाने का अनुरोध कर सकता है. उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) नंबर 1915 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वे उपभोक्ता आयोग में भी इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ई-दाखिल पोर्टल के जरिये दर्ज कराई  जा सकती है. इसके अलावा उपभोक्ता संबंधित जिले के जिला कलेक्टर को भी अपनी शिकायत दे सकते हैं. सीसीपीए को ई-मेल के जरिये भी शिकायत भेजी जा सकती है.


‘टिप’ के लिए क्या नियम


सीसीपीए ने अपने दिशानिर्देशों में कहा कि ‘टिप’ उपभोक्ता और होटल प्रबंधन के बीच अनुबंधित बुनियादी न्यूनतम सेवा से परे मिलने वाली सेवा के लिए है. भोजन पूरा करने के बाद ही उपभोक्ता गुणवत्ता के साथ सेवा का आकलन करने के बाद यह तय करने की हालत में होता है कि ‘टिप’ का भुगतान करना है या नहीं और यदि हां, तो कितना?  उपभोक्ता द्वारा ‘टिप’ का भुगतान करने का फैसला सिर्फ रेस्तरां में प्रवेश करने या ऑर्डर देने से नहीं होता है. 


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